
मध्य प्रदेश में जारी राजनीतिक घटनाक्रम पर सूबे के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने शुक्रवार को बड़ा बयान दिया है. उन्होंने प्रदेश के नेताओं की सराहना की है और कहा कि वे बिकाऊ नहीं हैं. वे सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं. कमलनाथ का बयान ऐसे समय आया है जब सूबे की सत्ता की जंग में बीजेपी और कांग्रेस के बीच शह-मात का खेल चल रहा है.
कमलनाथ ने एएनआई से कहा कि यहां जो नेता हैं वो बिकाऊ नहीं हैं. ये सिद्धांतों और सेवा की राजनीति करते हैं. हमें अपनी राजनीति की भी ऐसी पहचान बनानी है कि हमें गर्व हो. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी पहचान बनाएं कि हम छाती ठोककर कह सकें कि हम मध्य प्रदेश से हैं.
मध्य प्रदेश में सियासी ड्रामा मंगलवार देर रात शुरू हुआ. ये सियासी खेल कभी कांग्रेस की ओर तो कभी बीजेपी की ओर जाते दिखता है. इसमें बड़ा मोड़ गुरुवार शाम को आया जब कांग्रेस विधायक हरदीप डंग के इस्तीफे की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल हो गई. हालांकि, इस्तीफे की अब तक आधिकारिक रूप से पुष्टि नहीं हुई है.
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बीजेपी पर विधायकों को बंधक बनाने का आरोप
मंगलवार को गुरुग्राम के मानेसर के ITC रिजॉर्ट में बीजेपी पर 6 निर्दलीय और कांग्रेस के 4 विधायकों को बंधक बनाने का आरोप लगा. उसी वक्त कमलनाथ सरकार में मंत्री जीतू पटवारी और जयवर्धन सिंह विधायकों को वापस लाने भी पहुंचे थे. इसके बाद दिग्विजय सिंह और शिवराज चौहान के बीच जुबानी जंग भी हुई.
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कमलनाथ का बीजेपी को झटका
'ऑपरेशन लोटस' के जरिए कमलनाथ सरकार को समर्थन करने वाले चार विधायक बीजेपी के खेमे में खड़े हैं. कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डंग के इस्तीफे की खबर के बीच मुख्यमंत्री कमलनाथ ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया. मुख्यमंत्री निवास पर बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी और संजय पाठक ने गुरुवार देर रात कमलनाथ से मुलाकात की. वहीं, बीजेपी के तीसरे विधायक शरद कोल पहले से ही बगावत का रुख अपनाए हुए हैं और कांग्रेस खेमे के साथ खड़े हैं. हालांकि बाद में संजय पाठक ने इस कथित मुलाकात को खारिज कर दिया था और कहा था कि वे बीजेपी में ही रहेंगे.