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गुजरात, महाराष्ट्र के बाद MP में भी घटा पेट्रोल-डीजल पर VAT

पेट्रोल और डीजल की कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए अब मध्य प्रदेश भी आगे आ गया है. गुजरात और महाराष्ट्र के वैट घटाने के बाद मध्य प्रदेश ने भी वैट घटा दिया है. एमपी सरकार ने पेट्रोल पर जहां 3 फीसदी तो डीजल पर 5 फीसदी वैट घटाया है. बता दें हिमाचल प्रदेश भी वैट घटा चुका है.

मध्य प्रदेश ने भी दी आम लोगों को राहत मध्य प्रदेश ने भी दी आम लोगों को राहत
विकास जोशी
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  • 13 अक्टूबर 2017,
  • अपडेटेड 12:16 PM IST

पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत देने के लिए अब मध्य प्रदेश भी आगे आ गया है. गुजरात और महाराष्ट्र के वैट घटाने के बाद मध्य प्रदेश ने भी वैट घटा दिया है. एमपी सरकार ने पेट्रोल पर  3 फीसदी तो डीजल पर 5 फीसदी वैट घटाया है. बता दें हिमाचल प्रदेश भी वैट घटा चुका है.

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ये हैं नई कीमतें

वैट घटाने के बाद मध्य प्रदेश में अब डीजली 63.37 रुपये की जगह 59.37 प्रति लीटर  मिलेगा. वहीं, एक लीटर पेट्रोल की कीमत 74.83 से घटकर 73.13 रुपये प्रति लीटर पहुंच गई है. इससे राज्य सरकार को हर साल 2000 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा.

केंद्र सरकार ने की थी शुरुआत

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से आम आदमी को राहत दिलाने के लिए सबसे पहले केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटाई थी. उसके बाद केंद्र सरकार ने राज्यों से भी 5 फीसदी तक वैट घटाने की अपील की थी. केंद्र की अपील के बाद सबसे पहले गुजरात ने वैट घटाने की घोषणा की थी.

गुजरात ने सबसे पहले घटाया वैट

गुजरात के बाद महाराष्ट्र सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर वैट घटा लिया है. इस फैसले से राज्य में पेट्रोल की कीमत में 2.93 रुपये की कमी आई और अब राज्य में 1 लीटर पेट्रोल की कीमत 67.03 रुपये हो गई. इसी तरह राज्य में डीजल पर 4 फीसदी वैट की कटौती के बाद कीमतों में 2.72 पैसे की कमी आ गई.

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 हिमाचल ने भी की 1 फीसदी की कटौती

हिमाचल प्रदेश सरकार ने भी पेट्रोल और डीजल पर मूल्यवर्धित कर (वैट) एक प्रतिशत घटा दिया है. मंत्रिमंडल की बैठक के बाद हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने कहा कि लोगों को राहत देने के लिए पेट्रोल और डीजल पर वैट एक प्रतिशत घटाया गया है.

सरकार की हुई थी आलोचना

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के चलते लगातार केंद्र सरकार की आलोचना होने लगी थी. इसको देखते हुए केंद्र सरकार ने एक्साइज ड्यूटी घटा दी. अब पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के तहत लाने की भी मांग उठ रही है.

धर्मेंद्र प्रधान कर चुके हैं अपील

ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान ने पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही थी. उनके बाद पेट्रोलियम  यूनियन और ट्रक एसोसिएशनों ने भी जीएसटी के तहत लाने के लिए आंदोलन करने की तैयारी कर ली थी. हालांकि पेट्रोल पंप एसोसिएशनों ने इसे टाल दिया.

आम आदमी को मिलेगी राहत

धर्मेंद्र प्रधान का कहना था कि अगर पेट्रोल और डीजल जीएसटी के तहत आ जाते हैं, तो आम आदमी को बढ़ती कीमतों से काफी राहत मिल सकती है. हालांकि जीएसटी परिषद की 22वीं बैठक में इस संबंध में कोई भी फैसला नहीं लिया गया.

सभी राज्य हैं तैयार

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महाराष्ट्र के वित्त मंत्री सुधीर मुनगटीवार ने पिछले दिनों बताया कि सभी राज्य पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने को राजी हो गए हैं. ऐसे में ये उम्मीद जताई जा सकती है कि जल्द ही आम आदमी को सस्ते पेट्रोल और डीजल का तोहफा मिल सकता है.

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