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MP: उपचुनाव से पहले चर्चा में 'चंबल एक्सप्रेस-वे', शिवराज का ऐलान- जल्द शुरू होगा काम

यमुना एक्सप्रेसवे की तर्ज पर चंबल एक्सप्रेस-वे को चंबल नदी के किनारे बनाया जाएगा. अब जिस चंबल प्रोग्रेस-वे की बात की जा रही है, उसके दोनोंकिनारों की चुनिंदा जगहों पर औद्योगिक इकाइयां और व्यापारिक व्यवस्थाएं बनाने की भी योजना है.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (फाइल फोटो)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 18 मई 2020,
  • अपडेटेड 4:57 PM IST

  • अब एक्सप्रेस-वे नहीं, चंबल प्रोग्रेस-वे होगा नाम
  • सीएम शिवराज बोले- जल्दी करेंगे भूमि पूजन

मध्य प्रदेश में सियासी उथल पुथल के बीच लॉकडाउन से ठीक पहले मार्च के महीने में प्रदेश की कमलनाथ सरकार गिर गई थी. 22 विधायकों ने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था, जिससे कमलनाथ की सरकार अल्पमत में आ गई और कांग्रेस सत्ता गंवा बैठी थी. अब प्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव होना तय है, ऐसे में चुनाव से पहले एक बार फिर चंबल एक्सप्रेस-वे सुर्खियों में आ गया है.

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मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की है कि जल्द ही चंबल एक्सप्रेस-वे का काम शुरू किया जाएगा. इस एक्सप्रेसवे को 'चंबल प्रोग्रेस-वे' नाम दिया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस संबंध में बताया कि पिछले कार्यकाल में ‘चंबल एक्सप्रेस वे’ बनाने का फैसला लिया था. जिसे कांग्रेस सरकार ने ठंडे बस्ते में डाल दिया था.

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उन्होंने कहा कि इसका निर्माण अब ‘चंबल प्राग्रेस वे’ के नाम से कराया जाएगा. मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित मार्ग को चंबल के विकास का महापथ बताया और कहा कि इसके दोनों तरफ चिह्नित जगह पर औद्योगिक इकाइयां और व्यापारिक व्यवस्थाएं बनाई जाएंगी. उन्होंने इस संबंध में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से भी बात होने की जानकारी दी.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम दोनों बहुत जल्दी ही ‘चंबल प्राग्रेस वे’ का भूमिपूजन करेंगे. इसके निर्माण का कार्य जल्द शुरू कराया जाएगा. दरअसल, शिवराज सिंह चौहान ने अपने पिछले कार्यकाल में चंबल एक्सप्रेस-वे के निर्माण की घोषणा की थी. 8 लेन का चंबल एक्सप्रेस-वे तीन राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और राजस्थान को आपस में जोड़ेगा.

खास बात ये है कि यमुना एक्सप्रेसवे की तर्ज पर चंबल एक्सप्रेस-वे को चंबल नदी के किनारे बनाया जाएगा. माना जा रहा है कि इससे चंबल क्षेत्र में पर्यटन को भी बढ़ावा मिल सकेगा. अब जो चंबल प्रोग्रेस-वे की बात की जा रही है, उसके दोनों किनारों की चुनिंदा जगहों पर औद्योगिक इकाइयां और व्यापारिक व्यवस्थाएं बनाने की भी योजना है. ऐसे में चंबल के विकास की उम्मीद जताई जा रही है.

सिधिंया ने जताई खुशी

ग्वालियर-चंबल संभाग के सबसे बड़े नेता और हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने चंबल प्रोग्रेस-वे के ऐलान पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस सरकार ने चंबल के विकास, प्रगति और उन्नति को गति देने के लिए बनने वाले 'चंबल एक्सप्रेस-वे' को ठंडे बस्ते में डाल दिया था. सिंधिया ने ग्वालियर-चंबल अंचल की जनता की ओर से मध्य प्रदेश सरकार, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नितिन गडकरी के प्रति आभार व्यक्त किया.

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उपचुनाव पर नजर

कमलनाथ सरकार से बगावत कर 22 विधायकों के इस्तीफा देने से प्रदेश की 24 सीटों पर उपचुनाव तय हो गया था. दो सीटें विधायकों के निधन से रिक्त हुई थीं. 24 में से 16 सीटें चंबल-ग्वालियर संभाग में आती है. इसलिए माना जा रहा है कि चंबल प्रोग्रेस-वे का काम शुरू होने से इसका फायदा उपचुनाव में सत्ताधारी खेमे को मिल सकता है.

कांग्रेस ने बताया झूठ

कांग्रेस ने चंबल एक्सप्रेस-वे को ठंडे बस्ते में डालने के आरोप को झूठा बताया है. कांग्रेस नेता केके मिश्रा ने कहा कि बीजेपी उपचुनाव में चंबल संभाग को ध्यान में रखते हुए फैसला ले रही है. जो आरोप लगाए गए हैं, वो सरासर झूठ हैं. उन्होंने दावा किया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ के निर्देश पर तत्कालीन मुख्य सचिव एसआर मोहंती ने योजना को अमल में लाने की कोशिशें तेज कर दी थीं. क्योंकि तत्कालीन चीफ सेक्रेटरी एस.आर.मोहंती ने तब सीएम रहे कमलनाथ के निर्देश पर योजना को तेज़ी से अमल में लाने की कोशिशें शुरू कर दी थी.

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