
कोरोना संकट के बीच देश भर में वर्चुअल रैली के जरिए बीजेपी मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाने में जुटी है. वहीं, मध्य प्रदेश के किसान अपने हक की आवाज को बुलंद करने और सरकार तक पहुंचाने के लिए ऑनलाइन सत्याग्रह कर रहे हैं. सिवनी जिले के किसानों ने मक्के के समर्थन मूल्य की मांग को लेकर सत्याग्रह शुरू किया है और इस मुहिम से देश भर के किसान जुड़ते जा रहे हैं. सिवनी के युवा किसानों इस आंदोलन को और आगे बढ़ाने के लिए 11 जून को अन्नदाता का अन्न त्याग करेंगे.
एमपी में मक्का किसानों ने घाटे से परेशान होकर विरोध का नया तरीका निकाला और ऑनलाइन विरोध शुरू कर दिया है. प्रदेश के सिवनी जिले से दो सप्ताह पहले शुरू हुए इस ऑनलाइन सत्याग्रह आंदोलन को किसान संगठनों का समर्थन मिलने लगा है. किसान सत्याग्रह का फेसबुक पेज बना, ट्विटर में भी इसी नाम से दस्तक दी गई. किसान नेता सरदार वीएम सिंह ने भी वीडियो जारी कर सिवनी के किसानों की मांग का समर्थन किया है.
मक्का किसानों का ऑनलाइन सत्याग्रह
मध्य प्रदेश में किसानों से मक्का की फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से कम दाम पर खरीदारी की जा रही है, जिससे चलते किसानों ने सत्याग्रह शुरू किया है. कमीशन फ़ॉर एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेस के मुताबिक एक क्विंटल मक्का पैदा करने की लागत 1,213 रुपये आती है. सरकार ने इसका न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,850 रुपये तय किया है, इसके बावजूद मध्य प्रदेश में मक्का 900-1000 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा है. इस तरह से मक्का किसानों को प्रति क्विंटल 800 से 900 रुपये का घाटा हो रहा है.
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सिवनी के मक्का किसान फसल का उचित दाम दिलाने के लिए ऑनलाइन सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं. इसमें कुछ किसान प्ले कार्ड के माध्यम से तो कुछ वीडियो बनाकर अपनी परेशानी तथा अपनी मांग उठा रहे हैं. इसके अलावा किसान सत्याग्रह के समर्थन में आंदोलन को समर्थन करने के लिए अपनी सोशल मीडिया की डीपी पर सत्याग्रह के फोटो लगा रहे हैं.
मध्य प्रदेश मक्के का बड़ा उत्पादक नहीं है, लेकिन सिवनी, छिंदवाड़ा जैसे जिलों में मक्का की खेती होती है अकेले सिवनी में लगभग 4 लाख 35 हजार एकड़ में मक्के की खेती की जाती है. ऐसे में सत्याग्रह से जुड़े एक वीडियों में युवा किसान ने कहा कि सरकार का यह कहना उचित नहीं है कि मध्य प्रदेश में मक्का की पैदावारी नहीं होती है. सत्याग्रह से जुड़े युवा किसान सोशल मीडिया में वीडियो को डालकर यही कह रहे हैं कि मक्का का समर्थन मूल्य बढ़वाना नहीं, मक्का का समर्थन मूल्य पाना है.
14 दिन से जारी युवा किसानों का आंदोलन
किसानों की समस्याओं को सरकार तक पहुंचाने के लिए युवा किसान आगे आए और एक ऑनलाइन आंदोलन शुरू किया. 14 दिन पहले शुरू हुए इस आंदोलन को अब तक करीब एक लाख से ज्यादा किसानों का समर्थन मिल चुका है. देश भर से युवा से लेकर बुजुर्ग किसान सत्याग्रह आंदोलन के लिए वीडियो जारी कर समर्थन दे रहे हैं.
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अखिल भारतीय किसान समन्वय के संयोजक सरदार वीएम सिंह ने बताया कि दिसंबर और जनवरी तक मक्के के दाम 2100-2200 प्रति क्विंटल तक थे, लेकिन विदेश से आयात शुरू होने के बाद से मक्का के दाम गिरते चले गए हैं. हालात यह हो गई है कि आज किसानों को 900 से 1000 रुपये क्विंटल में बेचना पड़ रहा है. उन्होंने कहा दुख की बात है कि सिवनी के मक्का किसान एमएसपी बढ़ाने की मांग नहीं बल्कि एमएसपी पर खरीदारी की मांग कर रहे हैं.
सत्याग्रह के बाद किसान अन्न त्याग करेंगे
सिवनी के मक्का किसान सत्याग्रह ऑनलाइन आंदोलन को अगले चरण में ले जाने के लिए अन्न त्याग करेंगे. युवा किसानों ने वीडियो जारी करके कहा कि 'किसान सत्याग्रह' आंदोलन के अगले चरण में गुरुवार यानी 11 जून को उपवास और अनशन करेंगे. सत्याग्रह से जुड़े युवा किसानों ने लोगों से अपील की है कि वह मक्का किसानों को उनकी फसल का न्यूनतम सर्मथन मूल्य दिलाने के लिए 11 जून को अन्न त्याग कर अनशन करें और अपना समर्थन दें.