
टेनिस स्टेडियम के लिए बाधा बने अतिक्रमण को रोकने में नाकाम रहे अधिकारियों पर कड़ा रवैया अपनाते हुए मद्रास हाई कोर्ट ने उन अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिये हैं.
कोर्ट ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के स्थल तमिलनाडु खेल विकास प्राधिकरण के टेनिस स्टेडियम के लिये बाधा बने अवैध ढांचों के निर्माण और अतिक्रमण रोकने में नाकाम रहने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के आदेश दिए हैं. मुख्य न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति टी एस शिवागनानम की पीठ ने एक जनहित याचिका पर यह निर्देश दिए और साथ ही चेन्नई कॉर्पोरेशन से हलफनामा लिया कि वह अनधिकृत कब्जे को तीन महीने में हटवा देगा और फिर से अतिक्रमण नहीं होने देगा.
इस स्टेडियम में कई प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है जिनमें चेन्नई ओपन भी शामिल है जो दक्षिण एशिया का एकमात्र एटीपी टूर्नामेंट है. अतिक्रमण को रोकने में अधिकारियों की नाकामी को गंभीरता से लेते हुए पीठ ने कहा, ‘हम जानना चाहेंगे कि इस तरह के निर्माण के लिये कौन जिम्मेदार था. इसके लिये जरूरी विभागीय जांच होनी चाहिए, जिम्मेदारी तय होनी चाहिए और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए.’
इनपुट: भाषा