Advertisement

हमेशा विवादित रही 'चार्ली एब्दो'

पेरिस में व्यंग्य-पत्रिका 'चार्ली एब्दो' के दफ्तर पर हुए हमले से पूरा फ्रांस दहल गया. इस हमले में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि तीन पुलिस अधिकारी भी गंभीर रूप से घायल हो गए. 'चार्ली एब्दो' पत्रिका अपने लेखों और कार्टून को लेकर हमेशा विवादित रही है. इस हमले की वजह केवल बगदादी का कार्टून छापना ही नहीं, बल्कि और भी अन्य विवादित कार्टून हो सकते हैं.

चार्ली हैब्डो 'इस्लाम विरोधी' कंटेंट की वजह से हमेशा निशाने पर रही चार्ली हैब्डो 'इस्लाम विरोधी' कंटेंट की वजह से हमेशा निशाने पर रही
परवेज़ सागर
  • नई दिल्ली,
  • 07 जनवरी 2015,
  • अपडेटेड 4:23 PM IST

पेरिस में व्यंग्य-पत्रिका 'चार्ली एब्दो' के दफ्तर पर हुए हमले से पूरा फ्रांस दहल गया. इस हमले में 11 लोगों की मौत हो गई जबकि तीन पुलिस अधिकारी भी गंभीर रूप से घायल हो गए. 'चार्ली एब्दो' पत्रिका अपने लेखों और कार्टून को लेकर हमेशा विवादित रही है. इस हमले की वजह केवल बगदादी का कार्टून छापना ही नहीं, बल्कि और भी अन्य विवादित कार्टून हो सकते हैं.

चार्ली एब्दो के दफ्तर पर ये पहला हमला नहीं था. 2 नवंबर 2011 को भी पत्रिका के कार्यालय बम फेंके गए थे और आग लगा दी गई थी. इसकी वेबसाइट को भी हैक कर लिया गया था. उस हमले की वजह पैगंबर हज़रत मोहम्मद पर प्रकाशित एक विवादित संस्करण था जिसमें मोहम्मद साहब के कार्टून भी प्रकाशित किए गए थे. उस वक्त हालात इतने बिगड़ गए थे कि फ्रांस सरकार को 20 इस्लामी देशों में फ्रांसीसी दूतावासों, वाणिज्य दूतावासों, सांस्कृतिक केन्द्रों, और अंतरराष्ट्रीय स्कूलों को अस्थाई रूप से बंद करना पड़ा था.

पत्रिका का प्रकाशन 1969  में शुरू हुआ. पेरिस से प्रकाशित होने वाली ये साप्ताहिक व्यंग्य पत्रिका ईसाई, इस्लाम, यहूदी और अन्य धर्म के साथ-साथ राजनीतिक, संस्कृति मुद्दों पर कटाक्ष करती रही. वामपंथी विचारधारा का अनुसरण करने वाली ये पत्रिका हमेशा संवेदनशील मामलों का मज़ाक बनाती रही है. पैगम्बर हों या पोप या कोई बड़ा राजनेता, इस पत्रिका में सभी के विवादित कार्टून प्रकाशित होते रहे हैं.

पत्रिका के संपादक स्टीफेन चार्बोनियर थे जो पत्रिका में छपने वाले लेख, कार्टून, रिपोर्ट, बहस और चुटकुले आदि के माध्यम से जोरदार तरीके से धर्मों की खिलाफत करते रहे. वे हर बुधवार को इस पत्रिका का नया संस्करण प्रकाशित करते हैं. हर संस्करण उसकी विवादास्पद कवर स्टोरी के कारण खास होता है. हर सप्ताह पत्रिका की तकरीबन 45 हज़ार प्रतियां बिक जाती हैं. अपने कंटेंट की वजह से हमेशा विवादों रहने वाली इस पत्रिका के संपादक, संवाददाताओं और लेखकों को अक्सर धमकियां मिलती रही हैं. लेकिन हाल ही में उनके संस्करण में प्रकाशित इस्लामिक स्टेट के आतंकी अबू बकर अल-बगदादी का एक कार्टून उनके लिए मुसीबत की वजह बन गया. इस हमले में संपादक चार्ब को भी अपनी जान से हाथ धोना पड़ा.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement