
महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर पेच फंसा हुआ है. नई सरकार के लिए शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और कांग्रेस के संभावित गठबंधन को लेकर चर्चाएं जोरों पर है. सूत्रों के मुताबिक, गठबंधन का फॉर्मूला तैयार भी हो चुका है. इस बीच कांग्रेस हाईकमान अपने नेताओं की बयानबाजी से नाराज है.
सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान का मानना है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और शिवसेना के साथ कॉमन मिनिमम प्रोग्राम (CMP) पर सहमति बनने से पहले कांग्रेसी नेताओं की बयानबाजी से नुकसान भी हो सकता है. पार्टी हाईकमान ने राज्य के बड़बोले नेताओं को मीडिया के सामने बयान देने से मना किया है.
कल गुरुवार को कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा था कि दो दिनों तक हमारी बातचीत चली. ड्राफ्ट में क्या है इसका खुलासा फिलहाल हम यहां नहीं कर सकते. पहले इसे हमारे पार्टी प्रमुखों के पास जाने दीजिए.
बयान से बिगड़ न जाए बात
कांग्रेस हाईकमान चाहता है कि सरकार के गठन को लेकर एनसीपी के साथ लगातार बातचीत चल रही है और शिवसेना के सरकार गठन को लेकर करार के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने पर भी काम चल रहा है और इसको लेकर अगर किसी नेता ने कुछ कह दिया तो यह गलत संदेश जाएगा और नुकसान हो सकता है.
कांग्रेस के महाराष्ट्र इनचार्ज ने प्रदेश के नेताओं को इस प्रकरण पर मीडिया के सामने कुछ भी कहने से मना कर दिया है.
सरकार बनाने को लेकर बनी सहमतिः सूत्र
समझौते के तहत शिवसेना को पूरे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री पद मिलेगा, जबकि कांग्रेस और एनसीपी के खाते में एक-एक उपमुख्यमंत्री पद आएगा. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 14 और कांग्रेस को 12 मंत्रीपद मिलेगा. खुद शिवसेना के खाते में भी मुख्यमंत्री पद के अलावा 14 मंत्री पद भी आएंगे.
सूत्रों के अनुसार, समझौते को लेकर इस हफ्ते कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और एनसीपी नेता शरद पवार के बीच मुलाकात हो सकती है.
हालांकि तीनों दलों के बीच हुए समझौते में कुछ पेच भी है. समझौते में हिंदुत्व के मुद्दा को शामिल नहीं किया गया है. शिवसेना ने विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने की मांग कर रही है तो वहीं कांग्रेस-एनसीपी मुसलमानों को 5 फीसदी आरक्षण देने की मांग कर रही है. माना जा रहा है कि इन दोनों मुद्दों पर विवाद बना हआ है.