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महाराष्ट्र चुनावः 2014 में वर्धा जिले में BJP-कांगेस के बीच रहा 50-50 मुकाबला

महाराष्ट्र में 21 अक्टूबर को वोटिंग होनी है, जबकि रिजल्ट 24 अक्टूबर को आएग. 2011 जनगणना के मुताबिक वर्धा जिले की आबादी 13.01 लाख से ज्यादा है, जबकि औसत साक्षरता 86.99 फीसदी है. 

Maharashtra Assembly Election‌‌ 2019 Maharashtra Assembly Election‌‌ 2019
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 09 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 12:03 AM IST

  • वर्धा जिले में चार विधानसभा सीटें हैं
  • राज्य में 21 अक्टूबर को डाले जाएंगे वोट

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का ऐलान हो चुका है. 21 अक्टूबर को वर्धा जिले की चार सीटों पर वोटिंग होगी. बीते चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस के खाते में दो-दो सीटें थीं. वर्धा इंद्र देवता की नगरी के रूप में विख्यात है और इसे इंद्रपुरी भी कहते हैं. 2011 जनगणना के मुताबिक, यहां की आबादी 13.01 लाख से ज्यादा है, जबकि औसत साक्षरता 86.99 फीसदी है.

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गौरतलब है कि 288 सदस्‍यीय महाराष्‍ट्र विधानसभा में भाजपा के 122, शिवसेना के 63, कांग्रेस के 42 और एनसीपी के 41 सदस्‍य हैं. वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्‍म होगा. वहीं, 2019 विधानसभा चुनाव के परिणाम 24 अक्टूबर को आएंगे.

ये विधानसभा सीटें हैं

अरवी, देवली, हिंगणघाट, वर्धा

अरवी

वोटरों की संख्या- 248828 से अधिक

2014 में मिली जीत- कांग्रेस

वोटिंग पर्सेंटेज- 68.40%

प्रत्याशियों की संख्या-16

देवली

वोटरों की संख्या- 248404 से अधिक

2014 में मिली जीत- कांग्रेस

वोटिंग पर्सेंटेज- 67.91%

प्रत्याशियों की संख्या- 20

हिंगणघाट

वोटरों की संख्या- 260968 से अधिक

2014 में मिली जीत- बीजेपी

वोटिंग पर्सेंटेज- 71.99%

प्रत्याशियों की संख्या- 15

वर्धा

वोटरों की संख्या- 283104 से अधिक

2014 में मिली जीत- बीजेपी

वोटिंग पर्सेंटेज- 70.71%

प्रत्याशियों की संख्या- 21

लोकसभा चुनाव पर नजर

महाराष्ट्र की वर्धा लोकसभा सीट से भारतीय जनता पार्टी के रामदास चंद्रभानजी तडस ने जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस पार्टी की प्रत्याशी चारुलता राव टोकस को करारी शिकस्त दी. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के रामदास चंद्रभानजी तडस को 578364 वोट मिले, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी चारुलता राव टोकस को 391173 वोटों से संतोष करना पड़ा था. वर्धा लोकसभा सीट के इतिहास पर नजर दौड़ाई जाए तो एक वक्त यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. यहां 38 साल से ज्यादा कांग्रेस का राज रहा.

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