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महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: बीजेपी की टिकट लिस्ट से आखिर क्यों गायब हैं ये दिग्गज?

एकनाथ खड़से, प्रकाश मेहता और विनोद तावड़े तीनों ही बीजेपी के सीनियर नेता हैं. 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद तीनों नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. लेकिन अबतक इन तीनों को ही बीजेपी की दोनों सूचियों में जगह नहीं मिली है.

महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस (फोटो-फेसबुक) महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस (फोटो-फेसबुक)
साहिल जोशी
  • मुंबई,
  • 03 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

  • महाराष्ट्र में बीजेपी ने 139 प्रत्याशियों की 2 सूची जारी की
  • लिस्ट में खड़से, प्रकाश मेहता और विनोद तावड़े नहीं
  • नितेश राणे को भी बीजेपी ने अबतक नहीं दिया टिकट

महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव अपने आखिरी चरण तक पहुंच रहा है. कल यानी शुक्रवार को नामांकन की आखिरी तारीख है, लेकिन भारतीय जनता पार्टी में प्रत्याशियों की दो सूची आने के बाद भी टिकट वितरण चर्चा का केंद्र बना हुआ है. खासकर, पार्टी के तीन दिग्गज नेताओं एकनाथ खड़से, प्रकाश मेहता और विनोद तावड़े को अबतक टिकट नहीं दिए गए हैं. इनके अलावा बीजेपी से राज्यसभा सदस्य नारायण राणे के बेटे नितेश राणे भी बीजेपी की दोनों सूचियों से गायब हैं. ऐसे में चर्चा इस बात को लेकर ज्यादा है कि आखिर बीजेपी ने अपने इन दिग्गजों को अबतक लिस्ट से क्यों आउट रखा है.

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एकनाथ खड़से, प्रकाश मेहता और विनोद तावड़े तीनों ही बीजेपी के सीनियर नेता हैं. 2014 में बीजेपी की सरकार बनने के बाद तीनों नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल किया गया. हालांकि, एकनाथ खड़से ज्यादा वक्त कैबिनेट में नहीं रह सके और MIDC जमीन घोटाले में नाम आने के बाद 2016 में उन्हें इस्तीफा देना पड़ा. इसके बाद खड़से कई मौकों पर ऐसे बयान देते रहे जो पार्टी विरोधी माने गए. हाल ही में उन्होंने ईडी की जांच के दायरे में आए एनसीपी प्रमुख शरद पवार का भी बचाव किया.

माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के आरोप एकनाथ खड़से के खिलाफ गए. हालांकि, उन्होंने अपना नामांकन कर दिया है, जो बीजेपी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. दरअसल, खड़से मुक्ताईनगर विधानसभा सीट से विधायक हैं और इस इलाके में उनका वर्चस्व है. खड़से के मुकाबले बीजेपी के पास ऐसा कोई चेहरा नहीं है, जिसे मैदान में उतारा जा सके. दूसरी तरफ कांग्रेस और एनसीपी यहां काफी कमजोर रही है. शायद यही वजह है कि बीजेपी ने अबतक इस सीट पर कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. सूत्रों के मुताबिक, चर्चा ये है भी है कि खड़से की जगह उनकी बेटी को टिकट देकर बीजेपी सामंजस्य बना सकती है और खड़से की नाराजगी दूर कर अपनी इस मजबूत सीट की चुनौतियों को कम कर सकती है.

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वहीं, प्रकाश मेहता की बात की जाए तो इन्हें भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद मंत्रिपद से इस्तीफा देना पड़ा था. मेहता घाटकोपर पूर्व सीट से विधायक हैं और अबतक इस सीट पर भी बीजेपी ने कोई प्रत्याशी नहीं उतारा है. यह विधानसभा क्षेत्र बीजेपी का गढ़ माना जाता है. लिहाजा, यह सीट बीजेपी के लिए कम चुनौतीपूर्ण मानी जाती है. ऐसे में यह माना जा रहा है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टोलरेंस की थ्योरी पर अमल करते हुए बीजेपी प्रकाश मेहता के खिलाफ सख्त फैसला ले सकती है.

विनोद तावड़े को देना चाहती है संदेश

विनोद तावड़े बीजेपी के वरिष्ठ नेता हैं और फडणवीस कैबिनेट में मंत्री हैं. तावड़े बोरीवली सीट से विधायक हैं. मुख्यमंत्री की रेस में जब नेताओं का जिक्र होता है, तो तावड़े के नाम की चर्चा की जाती है. उनकी महत्वकांक्षा पर भी सियासी गलियारों में बात की जाती है. बताया जाता है कि पार्टी हाईकमान भी उनके नाम से जुड़ी इन चर्चाओं से नाखुश है. दूसरी तरफ बोरीवली सीट बीजेपी के लिए सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है. यह वो सीट हैं, जहां बीजेपी 1980 से ही कभी नहीं हारी है. ऐसे में यहां विनोद तावड़े की जगह किसी और नाम पर दांव खेलना बीजेपी के लिए मुश्किल भरा नहीं होगा. हालांकि, अभी तक इस सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की गई है. लिहाजा, दो सूची आने के बाद अब अगर तावड़े को यहां से टिकट दिया भी जाता है तो यह उनके लिए एक बड़ा संदेश जरूर होगा.

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नितेश की राह में रोड़ा बनी शिवसेना

कांग्रेस छोड़कर अपनी पार्टी बनाने वाले नारायण राणे फिलहाल बीजेपी के टिकट पर राज्यसभा में हैं और वो अपने बेटे नितेश राणे के लिए बीजेपी का टिकट चाहते हैं. बुधवार को उन्होंने खुद इस बात दावा भी किया कि दूसरी सूची में नितेश को कंकावली से टिकट दिया जाएगा, लेकिन बीजेपी की दूसरी सूची में भी उन्हें जगह नहीं दी गई. बताया जा रहा है कि शिवसेना का विरोध नितेश राणे पर भारी पड़ रहा है, क्योंकि पार्टी इस बात पर अडिग है कि इस सीट से नितेश राणे को मौका नहीं दिया जाए. सीएम फडणवीस भी कह चुके हैं कि शिवसेना से बातचीत के बाद ही फैसला किया जाएगा. शायद यही वजह है कि अबतक नितेश राणे का नाम भी अटका हुआ है.

बहरहाल, नामांकन की आखिरी तारीख 4 अक्टूबर है. ऐसे में इस बात की संभावना है कि आज शाम तक बाकी सीटों पर भी प्रत्याशियों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे, जिसके बाद तस्वीर पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी कि इन बड़े चेहरों पर पार्टी फिर से भरोसा करती है या कोई और रास्ता अपनाती है.

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