
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव धीरे-धीरे अपने अंजाम की तरफ बढ़ रहा है. मतदान में महज तीन हफ्ते बाकी हैं. एक तरफ सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और शिवसेना गठबंधन मैदान में है तो सामने मुख्य विपक्ष के तौर पर कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस का अलायंस है. ऐसे में अब सबकी नजर इन दोनों गठबंधन के प्रत्याशियों पर है.
बीजेपी-शिवसेना के बीच अभी तक इस मसले पर बात फाइनल होती नहीं दिख रही है, जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस-एनसीपी खेमे में टिकट को लेकर टकराव देखने को नहीं मिला है. यहां तक कि दोनों पार्टियां एक साथ घोषणा पत्र भी जारी करने जा रही हैं. ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि चुनाव प्रचार का आगाज करने में पीछे चल रही कांग्रेस अपने सहयोगी दल को आसानी से साधने में कामयाब रही है. यहां तक कि कांग्रेस ने प्रत्याशियों की पहली सूची भी जारी कर दी है.
कांग्रेस ने रविवार (29 सितंबर) को 51 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की. इस सूची में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण का नाम भी शामिल है. पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति द्वारा नामों को अंतिम रूप दिए जाने के बाद कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक ने इस सूची को जारी किया. हालांकि, एनसीपी ने अभी तक अपनी कोई लिस्ट जारी नहीं की है. लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार पहले ही सीट शेयरिंग फॉर्मूले का ऐलान कर चुके हैं.
कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) 288 सदस्यीय विधानसभा में 125-125 सीटों पर चुनाव लड़ने पर सहमत हुई हैं. बाकी 38 सीटें अन्य गठबंधन सहयोगियों की दी जाएंगी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार करीब पंद्रह दिन पहले ही इस बात का ऐलान कर चुके हैं. ऐसे में एक तरफ जहां बीजेपी और शिवसेना में सीटों को लेकर खींचतान खत्म होती नहीं दिखाई दे रही है, वहीं कांग्रेस ने इस मामले में लीड लेते हुए प्रत्याशियों के नाम तक की घोषणा कर दी है. हालांकि, पीएम नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में बीजेपी चुनाव समिति की बैठक रविवार को दिल्ली में हो चुकी है, लेकिन ऐलान अभी बाकी है.
बीजेपी का अभियान चरम पर
सीट शेयरिंग में भले ही बीजेपी फिलहाल कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन से पीछे नजर आ रही हो लेकिन चुनाव प्रचार में पार्टी कहीं आगे है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पूरी तरह से कैंपेन मोड में हैं और अपने अभियान का आगाज कर चुके हैं. फडणवीस जहां जन आशीर्वाद यात्रा के जरिए जनता के बीच जा चुके हैं. वहीं, पीएम मोदी 19 सितंबर को नासिक में एक रैली के जरिए चुनावी हुंकार भर चुके हैं. इस रैली के जरिए पीएम मोदी कश्मीर के बहाने अपने चुनावी मैप को भी सामने रख चुके हैं. पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी चुनाव प्रचार का आगाज कर चुके हैं. यानी केंद्र से लेकर राज्य तक बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व प्रचार में उतर चुका है. जबकि दूसरी तरफ कांग्रेस के बड़े चेहरे रैलियों से नदारद हैं.
प्रचार में न सोनिया गांधी, न राहुल
कांग्रेस अध्यक्ष पद संभाल रहीं सोनिया गांधी भी मराठा जमीन पर नहीं उतर पाई हैं. वहीं, चार महीने पहले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष की आवाज बनकर बीजेपी और पीएम मोदी के खिलाफ लड़ने वाले राहुल गांधी महाराष्ट्र चुनाव की पिक्चर से पूरी तरह गायब हैं. हालांकि, 2 अक्टूबर राहुल जरूर महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं. दरअसल, महात्मा गांधी की जयंती के मौके पर 2 अक्टूबर को कांग्रेस ने देशभर में पदयात्रा कार्यक्रम रखा है. पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी दिल्ली में पदयात्रा की अगुवाई करेंगी, जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी महाराष्ट्र के वर्धा में इस पदयात्रा की अगुवाई करेंगे.
इस लिहाज से कांग्रेस चुनाव प्रचार के मामले में काफी सुस्त नजर आ रही है. पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से गायब दिखाई दे रहा है, जबकि दूसरी तरफ मोदी और शाह की जोड़ी महाराष्ट्र में उतर चुकी है. लेकिन टिकट बंटवारे की रेस में कांग्रेस ने जरूर बाजी मारी है. अब बीजेपी-शिवसेना की लिस्ट का इंतजार है. 21 अक्टूबर को होने वाले मतदान के लिए नामांकन का आखिरी दिन 4 अक्टूबर है. ऐसे में जल्द ही सभी पार्टियों के टिकट की घोषणा की उम्मीद की जा रही है. बता दें कि महाराष्ट्र चुनाव की मतगणना 24 अक्टूबर को होगी.