
महाराष्ट्र की राजनीति को लेकर देशभर के लोगों की नजरें सुप्रीम कोर्ट पर टिक गई है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की शपथ ग्रहण के खिलाफ संयुक्त याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. याचिका में देवेंद्र फडणवीस सरकार से तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई थी. जबकि सुनवाई के दौरान कोर्ट ने राज्यपाल का आदेश और समर्थन पत्र मांगा है. अब सोमवार सुबह इस मामले की फिर से सुनवाई होगी.
राज्य की 4 बड़ी पार्टियों को छोड़ दिया जाए तो निर्दलीय विधायकों और राज्य के छोटे दलों की स्थिति भी फ्लोर टेस्ट में अहम कड़ी साबित हो सकती है. महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के 105 विधायक हैं तो शिवसेना के 56, कांग्रेस के 44 और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 54 विधायक हैं. बीजेपी और शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और इस आधार पर इस गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिला था, लेकिन सरकार बनाने को लेकर हुए तकरार के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए.
ज्यादातर निर्दलीय शिवसेना के साथ
बदलते हालात में शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कोशिश में जुट गई. इन तीनों के पास 154 का आंकड़ा बैठता है.इन 4 बड़े दलों के अलावा राज्य विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले अन्य दलों की स्थिति पर नजर डालते हैं. राज्य में इस बार 13 निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की है, जिसमें कई तो शिवसेना को समर्थन देने की बात कही है. जबकि 11 अन्य छोटी पार्टियों के विधायक किस ओर जाते हैं यह अभी साफ नहीं है. हालांकि शिवसेना का दावा है कि उसके पास ऐसे 7 विधायकों को समर्थन है, लेकिन उसके पास इस समर्थन को बचाकर रखने की चुनौती है.
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमईआईएम के पास 2, बहुजन विकास अघाड़ी के पास 3, प्रहार जनशक्ति पार्टी के पास 2 और समाजवादी पार्टी के पास 2 विधायक हैं. जबकि स्वाभिमानी पक्ष, सीपीआईएम, जन सूर्या शक्ति, क्रांतिकारी शेत्कारी पार्टी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, पीसेंट एंड वर्कर्स पार्टी ऑफ इंडिया के 1-1 विधायक हैं.
11 दलों के 16 विधायकइस तरह 13 निर्दलीय विधायकों और 11 अन्य छोटे दलों के 16 विधायकों की संख्या जोड़ दी जाए तो यह 29 तक पहुंचती है, इस तरह से यह संख्या फ्लोर टेस्ट में अहम कड़ी साबित हो सकती है.
महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 145 सीटें चाहिए. सरकार बनाने वाली बीजेपी का दावा है कि उसके 105 विधायकों के अलावा उसके पास एनसीपी के सभी 54 विधायकों का समर्थन है, साथी ही 8 निर्दलीय विधायक भी उसका समर्थन कर रहे हैं. ऐसे में बीजेपी के पास 167 विधायकों के समर्थन का दावा है.
दूसरी ओर, राष्ट्रवादी कांग्रेस (एनसीपी) ने लंबी कवायद के बाद शनिवार शाम को दावा किया कि उसके पास 54 में 49 विधायक का साथ है. एनसीपी के 49 विधायकों के अलावा शिवसेना के 56 और कांग्रेस के 44 विधायक साथ हैं ही, इसके अलावा 7 निर्दलीय विधायक भी इस खेमे के साथ बताए जा रहे हैं. इस खेमे में इस तरह से 156 विधायक हैं. वैसे शरद पवार की ओर से दावा किया जा रहा है कि हमारे पास करीब 170 विधायक हैं.
देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार सुबह आनन-फानन में मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली थी लेकिन असली चुनौती उनकी नई सरकार को बहुमत साबित करने को लेकर है. फिलहाल अभी सबकी नजर सुप्रीम कोर्ट पर नजर है.