
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल के गठन के साथ विवाद खड़ा हो गया है. बीजेपी का आरोप है कि उद्धव ठाकरे ने अपने मंत्रिमंडल उस विधायक को शामिल किया है, जिस शख्स ने 2015 में बंबई हमलों के दोषी याकूब मेमन की फांसी के खिलाफ राष्ट्रपति को दया याचिका दी थी. ये विधायक हैं कांग्रेस विधायक असलम शेख. असलम शेख समेत कई विधायकों ने तत्कालीन राष्ट्रपति को पत्र लिखकर याकूब मेमन के फांसी के खिलाफ दया याचिका दायर की थी.
कैबिनेट मंत्री बने असलम शेख
सोमवार को मलवाणी से कांग्रेस विधायक असलम शेख ने उद्धव सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली. उनके मंत्री बनते ही बीजेपी नेता किरीट सोमैया ने ट्वीट कर उद्धव सरकार पर हमला किया. किरोट सोमैया ने कहा, "2015 में विधानसभा सत्र के दौरान जब असलम शेख ने दया याचिका पर हस्ताक्षर किया था तो बीजेपी और शिवसेना विधायकों ने 6 बार विधानसभा की कार्यवाही स्थगित की थी और शेख को एंटी नेशनल कहा था...यही शख्स अब उद्धव ठाकरे की कैबिनेट में मंत्री है, देशद्रोही अब देशप्रेमी बन गया." याकूब मेमन को बाद में मुंबई में फांसी दी गई थी.
वायरल हुआ राष्ट्रपति को लिखा पत्र
बता दें कि असलम शेख के मंत्री बनते ही पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को लिखा गया पत्र वायरल हो गया है. इस पत्र के जरिए बीजेपी शिवसेना पर हमला कर रही है.
उद्धव का जवाब
जब इस बावत उद्धव ठाकरे से जवाब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें भी ऐसे मामलों को निकालना होगा जिसमें बीजेपी इस तरह से जुड़ी हुई है..
उदगीर से 'गायब' विधायक मंत्री बने
महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में एनसीपी विधायक संजय बंसोडे भी मंत्री बने हैं. बंसोडे वही विधायक हैं जो तब गायब हो गए थे, जब देवेंद्र फडणवीस सीएम और अजित पवार डिप्टी सीएम बने थे.
तब अजित पवार के डिप्टी सीएम बनते ही बंसोडे अचानक 'गायब' हो गए थे. जब इनकी तलाश हुई तो एनसीपी और शिवसेना समर्थकों ने इनको खोज निकाला. जब बंसोडे गायब हुए तो शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे और मिलिंद नार्वेकर ने एयरपोर्ट के नजदीक एक होटल से इन्हें खोज निकाला और उन्हें वहां से वाईबी चव्हाण सेंटर ले आए. वाईबी चव्हाण सेंटर में उस वक्त एनसीपी विधायकों की बैठक चल रही थी.
बाद में बंसोडे ने दावा किया था कि वे हमेशा से एनसीपी चीफ शरद पवार के साथ थे और उनकी ओर से बीजेपी को समर्थन करने का सवाल ही नहीं था. बंसोडे को अजित पवार का मजबूत समर्थक माना जाता है. फडणवीस के साथ डिप्टी सीएम बनने के बाद अजित इस बार भी डिप्टी सीएम बन गए हैं. इसी के साथ बंसोडे को भी मंत्री पद मिला है.