
विधानसभा चुनाव के किनारे पर खड़े महाराष्ट्र से एक बेहद दिलचस्प मामला सामने आया है. बॉम्बे नगरपालिका (BMC) ने राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास ‘वर्षा’ को डिफॉल्टर घोषित कर दिया है. फडणवीस के घर का करीब साढ़े सात लाख रुपये (कुल 7,44,981) का पानी का बिल बकाया है, यही कारण है कि आवास को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है. सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं बल्कि राज्य सरकार में कुल 18 मंत्रियों को डिफॉल्टर घोषित कर दिया गया है.
दरअसल, एक आरटीआई के द्वारा ये मामला सामने आया है. जिसमें पता लगा है कि महाराष्ट्र में बने सरकारी आवासों यानी मंत्रियों या नेताओं के आवास पर ही BMC का करीब 8 करोड़ रुपये का बकाया है. RTI के खुलासे के बाद वो नाम भी सामने आने लगे हैं, जिनपर ये राशि बकाया है.
हालांकि, बाद में सरकार की तरफ से सफाई दी गई कि मुख्यमंत्री और मंत्रियों के बिल 2018 में ही क्लियर हो गए थे, लेकिन कुछ चीजें बकाया थी जिसका बिल 2019 में सामने आया है.
सफाई में कहा गया है कि क्योंकि आवास में सिर्फ मंत्री या सीएम के अलावा पूरा स्टाफ रहता है ऐसे में उनके बिल भी इसमें जोड़े जाते हैं. लेकिन बिल का नाम मालिक के नाम पर ही होता है.
हैरान करने वाली बात यही है कि इस लिस्ट में सबसे पहला नाम राज्य के मुख्यमंत्री का ही है. इसके अलावा भी अगर स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट देखें, तो उनके अलावा इस लिस्ट में पंकजा मुंडे, एकनाथ शिंदे, सुधीर मुनगंटीवार, विनोद तावड़े जैसे राज्य के बड़े नेताओं का नाम शामिल है.
आपको बता दें कि बॉम्बे नगरपालिका पर शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा है. और ये कब्जा बीते लंबे समय से बरकरार है.
विधानसभा चुनाव से पहले ही लगा झटका!
राज्य में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने वाले हैं. और भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई में ही चुनाव लड़ने जा रही है. देवेंद्र फडणवीस जल्द ही राज्य में एक रथ यात्रा निकालने वाले हैं, जिसके जरिए वह हर विधानसभा को कवर करेंगे. चुनाव से पहले सामने आई ये लिस्ट विरोधियों को मुख्यमंत्री पर निशाना साधने का मौका दे सकती है.
भाजपा ने इस बार राज्य में अबकी बार 220 पार का लक्ष्य रखा है. तो वहीं कुछ दिन पहले ही शिवसेना ने अपने स्थापना दिवस के अवसर पर लिखे गए सामना में लेख में लिखा था कि उनकी इच्छा है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री शिवसेना से ही हो.