
शनि शिंगणापुर मंदिर के चबूतरे पर महिलाओं को चढ़ने से रोके जाने को लेकर जहां प्रदर्शन और समर्थन का दौर जारी है, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस ने शुक्रवार को कहा कि समाज में महिला और पुरुष के बीच भेदभाव रहा तो समाज प्रगति की ओर नहीं बढ़ सकता है.
पुणे में सावित्री बाई फुले पुणे विद्यापीठ में आयोजित राजर्षी शाहू महाराज की प्रतिमा का अनावरण करने पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा, 'यदि समाज में स्त्री और पुरुष के बीच भेदभाव रहा तो समाज प्रगति की ओर बढ़ नहीं सकता. दुनिया में जिस भी देश ने सफलता पाई है और प्रगति की है, उस देश के मानव संसाधन में पुरुष के साथ ही महिलाओं का भी योगदान है. उस देश में विकास दोगुनी तेजी से हुआ है.'
कार्यक्रम के दौरान सीएम ने आगे कहा, 'महिलाओं को पुरुषों के समान पूजा करने का हक है या नहीं, इसके बारे में हम आज भी चर्चा करते हैं. इक्कीसवीं सदी में अगर हमें ऐसे विषयों पर चर्चा करनी पड़ रही है तो निश्चय ही शाहू महाराज के विचार समाज तक पहुंचाने में कहीं चूक हुई है.' फडनवीस ने कहा कि एक राजकर्ता के नाते हम ऐसा भेदभाव कभी सहन नहीं करेंगे.
बुधवार को सीएम से मिली थी महिला ब्रिगेड
गौरतलब है कि देवेंद्र फडनवीस का यह बयान रणरागिनी भूमाता ब्रिगेड की सदस्यों से बुधवार को मुलाकात के बाद आया है. बुधवार को ब्रिगेड की अध्यक्ष तृप्ति देसाई ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपकर महिलाओं से मंदिर में भेदभाव को खत्म करने में उनका समर्थन मांगा. देसाई ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि वे पत्नी के साथ शनिदेव के दर्शन करने जाएं, ताकि महिलाओं की मांग को बल मिल सके.
गणतंत्र दिवस, प्रदर्शन और हिरासत
भूमाता ब्रिगेड अहमदनगर के शिंगणापुर स्थित शनिदेव मंदिर के चबूतरे पर महिलाओं के चढ़ने का अधिकार मांग रही है. फिलहाल इस चबूतरे पर महिलाओं का जाना वर्जित है. ब्रिगेड की सदस्य मंगलवार को गणतंत्र दिवस के अवसर पर संविधान में बराबरी का हक का हवाला देते हुए शनि मंदिर में प्रवेश के लिए निकली थीं. लेकिन उन्हें शनि मंदिर से 70 किलोमीटर पहले ही रोक दिया गया था. उन्हें कुछ समय के लिए हिरासत में रखने के बाद मंगलवार की शाम को छोड़ दिया गया था.