
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पहले उद्धव ठाकरे ने सामना के संपादक पद से इस्तीफा दे दिया है. सामना, शिवसेना का मुखपत्र है, जिसमें बतौर संपादक उद्धव ठाकरे अपना लेख लिखते रहे हैं. अब उद्धव का नाम सामना के फ्रंट पेज पर बतौर संपादक नहीं छपेगा. फिलहाल, संजय राउत कार्यकारी संपादक हैं.
सामना दो भाषाओं मराठी और हिंदी में प्रकाशित होती है. मराठी भाषा में सामना की शुरुआत बाला साहेब ठाकरे ने 23 जनवरी 1988 को किया था. इसके कुछ साल यानी 23 फरवरी 1993 को दोपहर का सामना नाम से हिंदी अखबार की शुरुआत की गई है.
बाला साहेब अपने निधन तक यानी 17 नवंबर 2012 तक सामना में लेख लिखते रहे हैं. उसके बाद उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के साथ सामना की भी कमान संभाल ली थी. उद्धव के इस्तीफे के बाद अब उनका नाम सामना के क्रेडिट लाइन में नहीं जाएगा.
महाराष्ट्र में नया सूर्योदयः सामना
उद्धव ठाकरे के संपादकत्व में सामना ने अपने आखिरी संपादकीय में आज गुरुवार को लिखा कि महाराष्ट्र में नया सूर्योदय हुआ है. मुंबई सहित संयुक्त महाराष्ट्र की घोषणा होते ही महाराष्ट्र के मन में आनंद की तरंगें उठी थीं.
संपादकीय में सामना ने आगे लिखा कि 15 अगस्त, 1947 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जैसा शानदार समारोह महाराष्ट्र सहित पूरे हिंदुस्तान में मनाया गया था, वही आनंद और जोश आज महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि पूरे देश में दिख रहा है. महाराष्ट्र के गठन की घोषणा शिवनेरी पर हुई और हर मराठी माणुस उत्साह, आनंद तथा आशा-अपेक्षाओं से भर उठा था.
सामना लिखता है कि आज भी कोई अलग तस्वीर नहीं है. शिवसेना का मुख्यमंत्री और उसमें भी उद्धव ठाकरे इस पद पर विराजमान हो रहे हैं, ये महाराष्ट्र का भाग्य है. यह समारोह मराठी माणुस को धन्यता महसूस करानेवाला है. जो उद्धव ठाकरे को पहचानते हैं, उनके मन में ये विश्वास है कि जब वे कोई जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं तो उसे पूरी शिद्दत से निभाते हैं.