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इस्तीफे के बाद फडणवीस बोले- उद्धव ठाकरे ने कभी नहीं रखा ढाई-ढाई साल CM का प्रस्ताव

फडणवीस ने कहा कि शिवसेना अगर हमारे साथ होती तो हम नई सरकार में काफी बेहतर निर्णय लेते. हम नए चुनाव नहीं चाहते अगर किसी और की सरकार आती है तो हम स्वागत करेंगे. बीजेपी उसमें कोई जोड़तोड़ नहीं करेगी.

देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो-PTI) देवेंद्र फडणवीस (फाइल फोटो-PTI)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 08 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 7:21 PM IST

  • इस्तीफे के बाद फडणवीस ने शिवसेना पर बोला हमला
  • फडणवीस ने कहा मुझसे नहीं हुई ढाई साल वाली बात

महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की. मीडिया के सामने उन्होंने बिना शिवसेना का नाम लिए सहयोगियों का धन्यवाद दिया. इसके साथ ही उन्होंने अपने अधिकारियों और कर्मचारियों का भी धन्यवाद दिया. अपने संबोधन के दौरान फडणवीस ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे और पार्टी के अन्य नेताओं पर जमकर हमला भी बोला.

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मैं किसानों के साथ खड़ा रहा: फडणवीस

फडणवीस ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, "राज्यपाल को इस्तीफा दिया है जिसे उन्होंने स्वीकार कर लिया है . पिछले पांच सालों में महाराष्ट्र की सेवा करने का मौका मिला था जिसका आभार मानता हूं. मोदी, अमित शाह, जे पी नड्डा, मेरे मंत्रिमंडल और सभी कार्यकर्ताओं, सभी अधिकारी और कर्मचारी का धन्यवाद. हमारे सहयोगियों का धन्यवाद. हमारा कार्यकाल पारदर्शी रहा. महाराष्ट्र को आगे ले जाने का काम किया. हर संकट का सामना हमने बेहतरी से किया. इन पांच सालों में अतिवृष्टि, सूखा और किसानों की समस्या खत्म की. मैं किसानों के साथ खड़ा रहा."

उन्होंने आगे कहा, हमने ईमानदारी से सरकार चलाई. 5 साल में मेरी सरकार ने काफी विकास किया. महाराष्ट्र में हमारी काफी सीटें चुन कर आईं. जो मैनडेंट आया वो हमारी महायुति को मिला था. 160 से ज्यादा सीटें हमें मिली है. बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी है. इस चुनाव का स्ट्राइक रेट 70 प्रतिशत रहा है. यह 2014 से इंप्रूव किया है. जितनी हमने अपेक्षा की थी उससे कम सीटें महायुति को मिलीं. मैंने जो पहली प्रेस कांफ्रेंस की उसमें मैंने स्पष्ट किया कि सरकार बनाने के हमारे सारे रास्ते खुले हैं.

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शिवसेना पर बोला हमला

शिवसेना पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि मैंने शिवसेना का आभार किया था कि उन्होंने साथ में आकर सरकार बनाई थी जिसकी वजह से महायुति की अच्छी सीटें आई थीं. मेरे सामने कभी भी उद्धव ठाकरे ने ढाई-ढाई साल का प्रस्ताव नहीं रखा था . अमित शाह के साथ हुआ होगा तो वह मुझे पता नहीं है. हम लोग बैठ कर इस मामले को सुलझा सकते थे लेकिन उनका रुख डिस्कशन का नहीं था. मैं उनसे मिलने भी गया, फोन भी किया लेकिन उन्होंने एक भी फोन रिसीव नहीं किया. रिजल्ट आने के बाद कांग्रेस और एनसीपी से लगातार चर्चा की लेकिन हमसे बात भी नहीं की.

उद्धव ठाकरे के आसपास के लोग जिस तरह बात करते हैं उस तरह की बात से सरकार नहीं बनती. बातचीत से विवाद सुलझ सकता था. कुछ लोगों ने रिजल्ट आने के दिन से ही बयानबाजी शुरू कर दी थी. बाल ठाकरे हमारे लिए सम्मानित हैं इसीलिए हमने कभी कोई अपमानजनक बात नहीं की. शिवसेना ने निचले स्तर के आऱोप लगाए. बड़े नेताओं के खिलाफ लांछन लगाए गए.

उन्होंने आगे कहा कि शिवसेना अगर हमारे साथ होती तो हम नई सरकार में काफी बेहतर निर्णय लेते. हम नए चुनाव नहीं चाहते अगर किसी और की सरकार आती तो हम स्वागत करेंगे. बीजेपी उसमें कोई जोड़तोड़ नहीं करेगी. आने वाले समय में जो सरकार बनेगी उसमें बीजेपी का एक महत्वपूर्ण रोल रहेगा. उन्हें इस बात का दुख है कि जनादेश के बाद भी वे महाराष्ट्र को सरकार नहीं दे पाए.

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