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महाराष्ट्र: CM पद को लेकर BJP में गतिरोध खत्म, विधायक दल के नेता चुने गए फड़नवीस

महाराष्ट्र बीजेपी में मुख्यमंत्री पद को लेकर रूठने मनाने का सिलसिला अब खत्म हो गया है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष देवेंद्र फड़नवीस का मुख्यमंत्री चुना जाना लगभग तय हो गया है.

devendra Fadnavis devendra Fadnavis
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2014,
  • अपडेटेड 5:53 PM IST

महाराष्ट्र बीजेपी में मुख्यमंत्री पद को लेकर रूठने मनाने का सिलसिला अब खत्म हो गया है. महाराष्ट्र बीजेपी के अध्यक्ष 44 साल के देवेंद्र फड़नवीस महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. बीजेपी विधायक दल की बैठक में मंगलवार को उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया. अब तक सीएम पद की दावेदारी कर रहे एकनाथ खड़से ने खुद फड़नवीस के नाम का प्रस्ताव दिया.

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देखिए: देवेंद्र फड़नवीस का सियासी सफर, मेयर से मुख्यमंत्री तक

वहीं अब तक गडकरी के नाम की माला जप रहे सुधीर मुंगटीवार ने खड़से के प्रस्ताव का समर्थन किया. इस बैठक में BJP आलाकमान की ओर से पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा, राजीव प्रताप रूडी और महाराष्ट्र बीजेपी प्रभारी ओम माथुर भी मौजूद होंगे.

आज शाम 6 बजे ही बीजेपी राज्यपाल से मिलकर प्रदेश में सरकार बनाने का दावा पेश करेगी. माना जा रहा है कि 31 अक्टूबर को नए मुख्यमंत्री शपथ ले सकते हैं.

कौन हैं देवेंद्र फड़नवीस
महाराष्ट्र की राजनीति में धूम मचा देने वाले देवेन्द्र फड़नवीस बीजेपी के उन नेताओं में हैं जिन्हें पार्टी के आलाकमान का पूरा समर्थन है. 44 साल के फड़नवीस टेलीविजन पर पार्टी के समर्थन में बहस करते देखे जाते थे. नागपुर से आने वाले देवेंद्र फड़नवीस ने अपना राजनीतिक करियर मेयर से शुरू किया था. शांत और मृदु स्वभाव के देवेन्द्र फड़नवीस विपक्ष की बेंच पर बैठकर विधानसभा में जबर्दस्त बहस करते थे. अब वह महाराष्ट्र के नए हीरो बन चुके हैं.

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फड़नवीस ब्राह्मण परिवार के हैं और उनके पिता गंगाधर राव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और जनसंघ में रहे हैं. फड़नवीस के पिता राज्य विधान परिषद के सदस्य भी रहे. देवन्द्र ने लॉ से स्नातक किया और उसके बाद उन्होंने बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की. उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजमेंट की भी पढ़ाई की. छात्र जीवन में वह आखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे.

1999 में फड़नवीस ने पहला चुनाव जीता और उसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा. वह नागपुर के सबसे कम उम्र के मेयर भी रहे.

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