
कहते हैं मौत दबे पांव आती है और जिसे दबोचना होता है उसे दबोच लेती है. आत्महत्या की एक्टिंग कर रहे व्यक्ति ने सोचा भी नहीं होगा कि उसकी यह एक्टिंग हकीकत बन जाएगी.
महाराष्ट्र के नागपुर जिले के रामटेक में बैकुंठ चतुर्दशी के अवसर पर शोभा यात्रा निकाली गई थी, इस यात्रा में किसान आत्महत्या की झांकी बनाई गई थी. एक किसान के रूप में खेत के हल से फांसी का फंदा डालकर एक कलाकर ट्रैक्टर में खड़ा हुआ था, अचानक एक चौराहे पर जोरदार झटका ट्रैक्टर को लगा और कलाकार के गले में लटका फंदा कस जाने से उसको सांस लेने में मुश्किल आने लगी, वो हाथ पांव पीटने लगा.
दुर्भाग्य से 27 वर्षीय मृतक कलाकार मनोज धुर्वे द्वारा किया जा रहा अभिनय रियल बन गया. हर साल इस अवसर पर शोभा यात्रा निकाली जाती है, हालांकि मनोज मुख्य कलाकार नहीं था फिर भी उसे शोभा यात्रा के अवसर पर कुछ न कुछ करना अच्छा लगता था. इस बार किसान की आत्महत्या की एक्टिंग करने का उसे मौका मिला और उसने इसे निभाने के लिए बड़ी खुशी से हामी भर दी. मनोज ने किसानों के प्रश्न और हालात काफी करीब से देखे थे और इसमें जान डालने की उसने पूरी कोशिश की.
शोभा यात्रा की यह झांकी देखने वालों के लिए मुख्य आकर्षण थी, कुछ ने तो इस झांकी को देखकर कहा कि यह अपने हालात दर्शा रही है.
अचानक ट्रैक्टर को जोरदार धक्का लगा और मनोज के गले का ढीला फंदा कसता चला गया. शोभा यात्रा खत्म होने तक किसी सोचा नहीं था कि हाथ पांव पीटने वाला उनका दोस्त कुछ बताना चाह रहा है. आखिर में शोभा यात्रा खत्म होने के बाद उसके दोस्त पास पहुंचे तो समझ आया कि मनोज के हाथ पांव ठंडे पड़ गए हैं.
साथी कालाकारों ने जब मनोज की हालत देखी तो तुरंत सरकारी अस्पताल ले गए, वहां के डॉक्टरों ने उसे नागपुर के मेयो अस्पताल ले जाने का मशवरा दिया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. रामटेक पुलिस ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है.