
महाराष्ट्र में आंदोलनकारी किसान रविवार रात मुंबई पहुंच गए. ये किसान छह मार्च को अपनी मांगों को लेकर नासिक से मुंबई के लिए निकले थे. आजाद मैदान पहुंचने के लिए किसान लगभग 1.15 बजे सोमैया ग्राउंड से रवाना हुए थे जो अब आजाद मैदान पहुंच चुके हैं. किसानों के साथ महिलाएं और बुजुर्ग भी शामिल हैं. किसानों ने सोमैया ग्राउंड में मौजूद बसों से जाने से यह कहकर इंकार कर दिया था कि वो आजाद मौदान तक चलकर जाएंगे, उन्हें बसों की जरूरत नहीं है.
बता दें कि अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की अगुवाई में विरोध मार्च कर रहे इन किसानों की मांग है कि सरकार इनके लोन माफ करे. बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है. मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो रही है. ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले.
वहीं, महाराष्ट्र में किसानों के आंदोलन पर राजनीति तेज हो गई है. मुंबई पहुंचे किसानों से पहले दोपहर में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने मुलाकात की, तो रात में मनसे प्रमुख राज ठाकरे किसानों से मिलने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों से कहा, ''किसानों को जब भी मेरी जरूरत होगी, मैं हाजिर हो जाऊंगा.''
उधर, सोमवार को मुंबई में बोर्ड एग्जाम होने हैं और छात्रों को असुविधा न हो, इसलिए किसान सोमैया ग्राउंड से आजाद मैदान की तरफ बढ़े हैं. वहां से सोमवार सुबह विधानसभा का घेराव किया जाएगा.
इससे पहले दोपहर में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे किसानों से मुलाकात भी की. इस दौरान आदित्य ठाकरे ने किसानों को कर्ज से मुक्ति दिलाने की मांग की. उन्होंने कहा, ''हम कर्ज माफी नहीं चाहते हैं. माफी किसी मामले के दोषी को दी जाती है. हम दोषी नहीं हैं. हम कर्ज से मुक्ति चाहते हैं.
वहीं फडणवीस सरकार में मंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे ने आनंद नगर में किसानों से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है. महाराष्ट्र के मंत्री गिरीश महाजन ने किसानों से जाकर मुलाकात की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस किसानों के साथ हैं. किसानों की 90 फीसदी मांगें पूरी की जाएंगी. कल विधि मंडल में सभी मुद्दों को उठाया जाएगा. सरकार किसानों के साथ है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के किसान मोर्चे अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) की अगुवाई में यह विरोध मार्च मंगलवार को नासिक से मुंबई के लिए रवाना हुआ था. किसानों की 180 किलोमीटर लंबी पदयात्रा के आरंभ में 12,000 किसानों का काफिल निकला था. अब किसानों की संख्या 30 हजार के पार पहुंच गई है.
शनिवार को यात्रा में शामिल 5 किसानों की तबीयत बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. इलाज के बाद किसानों को छुट्टी दे दी गई है. इन किसानों को पानी की कमी और कम ब्लड प्रेशर की शिकायत के बाद अस्पताल ले जाया गया था.
कांग्रेस ने भी दिया समर्थन
महाराष्ट्र कांग्रेस ने भी किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया है. कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण ने ट्वीट कर किसानों की फोटो शेयर की और उन्हें कांग्रेस पार्टी समर्थन की बात कही. उन्होंने लिखा, ''सरकार के खिलाफ किसानों के इस संघर्ष में कांग्रेस पार्टी उनके साथ है. मुख्यमंत्री को किसानों से बात करनी चाहिए और उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए.''
-आंदोलन कर रहे किसानों की पहली मांग पूरे तरीके से कर्जमाफी है. बैंकों से लिया कर्ज किसानों के लिए बोझ बन चुका है. मौसम के बदलने से हर साल फसलें तबाह हो रही है. ऐसे में किसान चाहते हैं कि उन्हें कर्ज से मुक्ति मिले.
- किसान संगठनों का कहना है कि महाराष्ट्र के ज्यादातर किसान फसल बर्बाद होने के चलते बिजली बिल नहीं चुका पाते हैं. इसलिए उन्हें बिजली बिल में छूट दी जाए.
- फसलों के सही दाम न मिलने से भी वो नाराज है. सरकार ने हाल के बजट में भी किसानों को एमएसपी का तोहफा दिया था, लेकिन कुछ संगठनों का मानना था कि केंद्र सरकार की एमएसपी की योजना महज दिखावा है.
- किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने की मांग किसान कर रहे हैं.