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‘महाराष्ट्र के साथ मत खेलो, खत्म हो जाओगे’, संजय राउत का ट्वीट- अब डरना मना है

केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति शासन लगकर सबसे ज्यादा घाटा BJP को ही हुआ है.

सामना के जरिए शिवसेना का वार (फाइल फोटो, IANS) सामना के जरिए शिवसेना का वार (फाइल फोटो, IANS)
सौरभ वक्तानिया
  • मुंबई,
  • 14 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:53 AM IST

  • संजय राउत का फिर बीजेपी पर निशाना
  • ट्वीट- अब डरना और हारना मना है
  • सामना के जरिए भी बीजेपी को घेरा

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लग गया है, लेकिन राजनीति अभी भी जोरो पर चल रही है. शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस आपस में समन्वय बनाने के लिए लगातार मंथन कर रहे हैं. केंद्रीय गृह मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह ने बुधवार को कहा कि राष्ट्रपति शासन लगकर सबसे ज्यादा घाटा BJP को ही हुआ है. अब गुरुवार को शिवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट किया है कि हारना और डरना मना है.

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संजय राउत ने गुरुवार सुबह फिर ट्वीट किया, उन्होंने एक टैक्स्ट फोटो साझा किया जिसपर लिखा है ‘हार हो जाती है जब मान लिया जाता है, जीत तब होती है जब ठान लिया जाता है’. संजय राउत ने इसी के साथ कैप्शन लिखा अब हारना और डरना मना है.

सामना के जरिए बीजेपी पर साधा निशाना

शिवसेना के मुखपत्र सामना में आज एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा गया है. सामना में लिखा गया है कि राज्यपाल की तरफ से शिवसेना को सरकार बनाने के लिए पर्याप्त समय नहीं दिया गया है. बीजेपी को 48 घंटे मिले थे, लेकिन शिवसेना को समय नहीं दिया गया.

सामना में लिखा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन बिल्कुल भी मान्य नहीं होगा, इसे तुरंत वापस लेना चाहिए. कुछ लोग हैं जो महाराष्ट्र के साथ खेलना चाहते हैं, हम बताना चाहते हैं कि महाराष्ट्र के साथ मत खेलो खत्म हो जाओगे.

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सामना में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर भी सवाल खड़े किए गए हैं. सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र एक अलग राज्य है, यहां कुछ टेढ़ा-मेढ़ा नहीं चलेगा.

क्या कर रही हैं चारों पार्टियां?

राष्ट्रपति शासन लगने के बाद भी सरकार बनाने के लिए हलचल हो रही है. बुधवार को एनसीपी, कांग्रेस ने गठबंधन पर चर्चा के लिए कमेटियों का गठन किया तो वहीं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस नेताओं से मुलाकात की. दूसरी ओर भाजपा ने भी अपने विधायकों की बैठक बुलाई है, जो 3 दिनों तक चलेगी. इस बैठक में मध्यावधि चुनाव पर भी चर्चा होगी.

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