
जस्टिस बीएच लोया केस की महाराष्ट्र सरकार दोबारा जांच नहीं करा सकती है. दरअसल, राज्य सरकार के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मुझसे लोगों ने लोया केस की दोबारा जांच कराने की कई बार मांग की, लेकिन किसी ने कोई सबूत नहीं दिया.
दरअसल, जस्टिस लोया केस में कुछ लोगों ने गृह मंत्री अनिल देशमुख से संपर्क किया था और कुछ दस्तावेज देने का वादा किया था. अभी तक किसी ने कोई सबूत नहीं दिया है. जस्टिस लोया, सोहराबुद्दीन शेख एनकाउंटर केस की सुनवाई करने वाले जज थे. वहीं फोन टैपिंग को लेकर चल रहे विवाद पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार के दौरान विपक्षी कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेताओं के फोन टेप कराए जाने की शिकायत है.
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उन्होंने कहा कि इस मामले की जांच कराई जाएगी. गृह विभाग ने जांच के आदेश दे दिए हैं. गौरतलब है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री का यह बयान उस दिन आया है, जब शिवसेना नेता संजय राउत ने भी टैपिंग को लेकर बयान दिया है.
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महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाली पिछली सरकार ने साल 2018 की शुरुआत में सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि उसने इस मामले की विवेचनात्मक जांच की थी. इसकी जांच रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस लोया की स्वाभाविक मौत हुई थी. इसके बाद से ही जस्टिस लोया की मौत के मामले की जांच कराने की मांग उठती रही है.