
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे फिलहाल किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं, ऐसे में छह महीने के भीतर उन्हें विधानसभा या विधान परिषद में से किसी एक का सदस्य बनना होगा. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में एनसीपी के धनंजय मुंडे और शिवसेना के तानाजी सावंत ने विधायक चुने जाने के बाद विधान परिषद सदस्य के पद से इस्तीफा दे दिया है. इसके चलते प्रदेश में दो सीटें रिक्त हुई हैं. इनमें से एक सीट से उद्धव ठाकरे का विधान परिषद सदस्य चुना जाना तय है.
महाराष्ट्र में रिक्त हुए दो विधान परिषद सीटों के लिए चुनाव आयोग ने तारीखों का ऐलान कर दिया है. विधान परिषद सीट के लिए 7 जनवरी को अधिसूचना जारी की जाएगी और 14 जनवरी तक उम्मीदवार अपना नामांकन दाखिल कर सकते हैं. इसके बाद 17 जनवरी तक नाम वापसी कर सकते हैं जबकि 24 जनवरी को चुनाव होंगे.
उद्धव ठाकरे निर्विरोध MLC चुने जा सकते हैं
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे विधान परिषद के जरिए सदन में एंट्री कर सकते हैं. मौजूदा समय में महाराष्ट्र विकास आघाडी में शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के विधायकों की कुल संख्या 170 है. इसके अलावा चार अन्य विधायक भी ठाकरे को समर्थन दे सकते हैं. इस तरह उद्धव ठाकरे का निर्विरोध चुना जाना तय माना जा रहा है.
गौरतलब है कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बीते 28 नवंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली है और फिलहाल वे किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं. ऐसे में 27 मई से पहले उनकों दोनों में से किसी एक सदन का सदस्य बनना होगा. ऐसे में अगर वो विधान परिषद सदस्य चुने जाते हैं तो उनका कार्यकाल 7 जुलाई 2022 तक होगा.
यवतमाल स्थानीय सीट भी रिक्त
विधानपरिषद की यवतमाल स्थानीय निकाय सीट के लिए भी उपचुनाव की घोषणा कर दी गई है. इस सीट से विधान परिषद सदस्य रहे तानाजी सावंत ने हाल ही में विधानसभा चुनावों में परांड सीट से चुनाव जीतकर विधायक बने हैं. इसके चलते रिक्त हुई इस सीट के लिए 31 जनवरी को मतदान होगा. इस सीट पर चुने जाने वाले सदस्य का कार्यकाल 15 दिसंबर 2022 तक होगा.