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महाराष्ट्र की सियासत में पहली बार पिता CM तो बेटा कैबिनेट मंत्री

महाराष्ट्र की सियासत में यह पहली बार होगा कि जब पिता-पुत्र एक साथ एक ही सरकार में मंत्री होंगे. मुख्यमंत्री पद का ताज उद्धव ठाकरे के सर पहले ही सज चुका है और उनके सेनापति उनके बेटे आदित्य ठाकरे बनने जा रहे हैं.

उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे (फाइल फोटो-PTI) उद्धव ठाकरे और आदित्य ठाकरे (फाइल फोटो-PTI)
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 30 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:17 PM IST

  • महाराष्ट्र सरकार का कैबिनेट विस्तार
  • सरकार में आदित्य बने कैबिनेट मंत्री

महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज उद्धव ठाकरे अपने बेटे आदित्य ठाकरे को अपनी मंत्री मंडल में शामिल करने का फैसला किया है. शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की गठबंधन सरकार में आदित्य ठाकरे कैबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे. भारतीय राजनीति में पिता-पुत्र की यह कोई पहली जोड़ी नहीं है. इससे पहले भी कई पिता-पुत्र एक साथ एक ही सरकार में मंत्री रहे हैं.

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महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी उद्धव ठाकरे संभाल रहे हैं. उद्धव सरकार की मंत्रिमंडल की कैबिनेट का पहला विस्तार सोमवार को होने जा रहा है, जिसमें 36 नए मंत्री शपथ लेंगे. इनमें शिवसेना के पास मुख्यमंत्री के अलावा 16 मंत्री होंगे. वहीं, एनसीपी के 14 और कांग्रेस के 12 मंत्री होंगे.

दिलचस्प बात यह है कि एनसीपी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार एक बार जहां उपमुख्यमंत्री बनेंगे तो उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे कैबिनेट मंत्री पद की शपथ लेंगे. महाराष्ट्र की सियासत में यह पहली बार होगा कि जब पिता-पुत्र एक साथ एक ही सरकार में मंत्री होंगे. मुख्यमंत्री पद का ताज उद्धव ठाकरे के सर पहले ही सज चुका है और उनके सेनापति उनके बेटे आदित्य ठाकरे बनने जा रहे हैं. महाराष्ट्र मंत्रिमंडल में आदित्य ठाकरे कैबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी संभालेंगे.

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तमिलनाडु: करुणानिधि-स्टालिन की जोड़ी

देश में पिता-पुत्र की पहली जोड़ी तमिलनाडु की सियासत में देखने को मिली, जहां एक ही सरकार में बाप-बेटे एक साथ मंत्री रही है. तमिलनाडु में डीएमके की 2006 में सरकार बनी तो सत्ता की कमान करुणानिधि ने संभाला और मुख्यमंत्री बने. करुणानिधि ने अपना सेनापति अपने छोटे बेटे एमके स्टालिन को चुना और उन्हें अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी. स्टालिन 2006 से 2009 तक मंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली और  2009 से 2011 तक डिप्टी सीएम रहे.

पंजाब: बादल पिता-पुत्र की जोड़ी

पंजाब की सियासत में बादल पिता-पुत्र की जोड़ी एक साथ एक ही सरकार में मंत्री रहे हैं. 2007 में अकाली दल की पंजाब में सरकार बनी और प्रकाश सिंह बादल मुख्यमंत्री बने. ऐसे में बादल ने अपनी राजनीतिक विरासत को बेटे सुखबीर सिंह बादल सौंपने के लिए 2008 में अकाली दल की कमान सौंपी. एक साल बाद 2009 में बादल सरकार में सुखबीर सिंह बादल डिप्टी सीएम बने. इसके बाद 2012 में अकाली दल की सरकार बनी तो प्रकाश सिंह बादल एक बार फिर सीएम बने और सुखबीर सिंह बादल डिप्टी सीएम बने.

तेलंगाना: केसीआर-केटीआर

तेलंगाना की सत्ता में पिता-पुत्र की जोड़ी अभी भी बरकरार है. तेलंगाना 2014 में अलग राज्य बना और पहले चुनाव में टीआरएस की सरकार बनी और केसीआर मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने अपने बेटे केटीआर को कैबिनेट में जगह दी. 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में केसीआर के नेतृत्व में एक बार भी टीआरएस की सरकार बनी और केटीआर फिर मंत्री बनाए गए. इस तरह केसीआर की राजनीतिक वारिस के तौर पर केटीआर को देखा जा रहा है.

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