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उद्धव ठाकरे ने बढ़ाया अपने विधायकों का हौसला, कहा- सरकार हम ही बनाएंगे

उद्धव ने विधायकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि हालात बदले हैं लेकिन इससे हम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. शिवसेना ने इसके बाद सभी विधायकों से मुंबई में ही रहने को कहा है.

उद्धव ठाकरे और शरद पवार (फाइल फोटोः PTI) उद्धव ठाकरे और शरद पवार (फाइल फोटोः PTI)
aajtak.in
  • मुंबई,
  • 24 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 8:02 AM IST

  • शिवसेना अध्यक्ष ने की विधायकों संग बैठक
  • महाराष्ट्र मामले पर SC में सुनवाई आज

महाराष्ट्र की सियासत में शनिवार के दिन की शुरुआत नाटकीय रही. देवेंद्र फडणवीस के मुख्यमंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार के उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद शुरू हुआ सियासी घमासान पूरे दिन चला.

चंद घंटों में तस्वीर ऐसी बदली कि मुख्यमंत्री की कुर्सी के काफी करीब नजर आ रहे जो उद्धव शिवसैनिकों का सपना पूरा होने और शनिवार के दिन नई सरकार की तस्वीर साफ होने की बात कर रहे थे, उनके चेहरे पर तनाव साफ नजर आने लगा.

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एनसीपी के भाजपा के साथ जाने और सरकार गठन से सकते में आई शिवसेना सक्रिय हुई तो शरद पवार ने भी उद्धव के साथ साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उन्हें यह भरोसा दिलाया कि यह अजित का निजी फैसला है. एनसीपी उद्धव और शिवसेना के साथ है. पवार ने शिवसेना का पावर रिचार्ज किया तो उद्धव भी सक्रिय हो गए.

उद्धव ने राज्यपाल के फैसले को देश की सर्वोच्च अदालत में चुनौती दी तो साथ ही सरकार गठन के बाद निराश अपने विधायकों और कार्यकर्ताओं का मनोबल भी बढ़ाया. एक तरफ पवार अपने विधायकों को एकजुट करने के लिए वाईबी सेंटर में बैठक कर रहे थे, तो दूसरी तरफ उद्धव ने भी होटल ललित में अपने विधायकों के साथ दो-दो बार बैठक की और यह विश्वास दिलाया कि सरकार तो शिवसेना ही बनाएगी.

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उद्धव ने विधायकों से पूछा- डर तो नहीं

शिवसेना सुप्रीमो उद्धव ठाकरे ने अपने विधायकों से यह भी पूछा कि वह डर तो नहीं रहे. विधायकों ने इसके जवाब में 'नहीं' कहने के साथ ही अपने नेता को यह आश्वस्त भी किया कि वे सभी एकजुट हैं और उनके साथ हैं. विधायक वही करेंगे, जो वह कहेंगे. उद्धव ने विधायकों का उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि हालात बदले हैं, लेकिन इससे हम पर प्रभाव नहीं पड़ेगा. शिवसेना ने इसके बाद सभी विधायकों से मुंबई में ही रहने को कहा है.

देर रात तक बैठक, सुबह बदल गई तस्वीर

शुक्रवार देर रात तक शिवसेना, कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की गठबंधन सरकार और उद्धव ठाकरे का मुख्यमंत्री बनना तय माना जा रहा था. तीनों दलों के नेताओं की बैठक में अजित पवार भी मौजूद थे, लेकिन जब शनिवार सुबह हुई तब तस्वीर बदल गई.

आधी रात को राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश कर दी. सूर्योदय के साथ ही कैबिनेट ने राज्यपाल की सिफारिश को मंजूरी दे दी और सुबह के नौ बजे से पहले ही देवेंद्र फडणवीस ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली.

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