
महाराष्ट्र के 19वें मुख्यमंत्री के तौर पर शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे आज शाम गुरुवार को शिवाजी पार्क में शपथ लेंगे. उद्धव ठाकरे ने कुर्सी के लिए 25 साल पुराने साथी को छोड़कर वैचारिक विरोधी कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर 'महाराष्ट्र विकास अघाड़ी' बनाया है. 'ठाकरे परिवार' से उद्धव पहले शख्स हैं जो सत्ता की कमान संभालेंगे. इससे पहले उनके परिवार में किसी भी सदस्य ने सरकार में कोई भी पद नहीं लिया है. लेकिन उद्धव से पहले शिवसेना के दो नेता महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री जरूर रह चुके हैं.
शिवसेना के पहले सीएम मनोहर जोशी
शिवसेना पहली बार महाराष्ट्र की सत्ता पर काबिज होने नहीं जा रही है, इससे पहले ही दो बार पार्टी सत्ता में रही है. शिवसेना महाराष्ट्र में पहली बार 1995 में पहली बार सत्ता में आई थी, लेकिन उसने बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई थी. सत्ता की कमान शिवसेना को मिली थी और बाल ठाकरे ने अपने सबसे भरोसेमंद माने जाने वाले मनोहर जोशी के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजाया था.
इस तरह से जोशी ने शिवसेना के पहली मुख्यमंत्री बनने का खिताब अपने नाम किया था. मनोहर जोशी 14 मार्च,1995 को मुख्यमंत्री बने और 31 जनवरी 1999 तक इस पद पर रहे. इस तरह मनोहर जोशी ने 3 साल 323 दिन कार्यभार संभाला और पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके.
दूसरे सीएम बने नारायण राणे
मनोहर जोशी के बाद शिवसेना ने नारायण राणे को मुख्यमंत्री बनाया था. 1 फरवरी 1999 को राणे ने मुख्यमंत्री पद ली थी. शिवसेना ने नारायण राणे के नेतृत्व में ही विधानसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन पार्टी 1999 में सत्ता में वापसी नहीं कर सकी. इसके चलते नारायण राणे को 17 अक्टूबर 1999 को सीएम पद छोड़ना पड़ा. हालांकि नारायण राणे और मनोहर जोशी भले ही मुख्यमंत्री रहे, लेकिन सत्ता का रिमोट कंट्रोल बालासाहेब ठाकरे के हाथों में ही रहा. इस बात को वह खुद भी सार्वजनिक रूप से कहते थे.
इसके बाद शिवसेना 15 साल तक सत्ता से बाहर रही, इसके बाद 2014 में सत्ता में वापसी की, लेकिन बीजेपी के जूनियर पार्टनर के हैसियत के रूप में रही. हालांकि 2019 के चुनाव में शिवसेना ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा, लेकिन सत्ता के सिंहासन पर विराजमान होने के लिए साथ छोड़ दिया.
ठाकरे परिवार के पहले सीएम उद्धव
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अपने पिता बाला साहेब ठाकरे से किए गए वादे को आज साकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने एक दिन किसी शिवसैनिक को महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री बनाने की बात कही थी. बालासाहेब के सपने को साकार करने लिए उद्धव ठाकरे ने बीजेपी से दोस्ती तोड़कर अपने विरोधी एनसीपी-कांग्रेस के साथ हाथ मिला लिया है. इसी का नतीजा है कि उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के सीएम बनने जा रहे हैं. 'महाराष्ट्र विकास अघाड़ी' में शिवसेना को पांच साल के लिए मुख्यमंत्री पद देने पर सहमति बनी है.