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शनि शिंगणापुर मंदिर में महिला के पूजा से बवाल, मूर्ति के शुद्धि‍करण के बाद 6 सेवादार निलंबित

महाराष्ट्र के शनि शिं‍गणापुर मंदिर में 400 वर्षों से महिला के पूजा की परंपरा नहीं रही है, ऐसे में एक महिला के शनिदेव को तेल चढ़ाने से विवाद शुरू हो गया है.

महाराष्ट्र का शनि शिं‍गणापुर मंदिर महाराष्ट्र का शनि शिं‍गणापुर मंदिर
स्‍वपनल सोनल
  • मुंबई,
  • 29 नवंबर 2015,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

महाराष्ट्र के शनि शिं‍गणापुर मंदिर में एक महिला के शनिदेव को तेल चढ़ाने से विवाद शुरू हो गया है. खबरों के मुताबिक, 400 वर्षों से इस मंदिर के भीतर महिला के पूजा की परंपरा नहीं रही है, ऐसे में महिला द्वारा मंदिर के चबूतरे पर चढ़कर शनि महाराज को तेल चढ़ाने पर पुजारियों ने मूर्ति को अपवित्र घोषि‍त कर दिया. मंदिर प्रशासन ने 6 सेवादारों को निलंबित कर दिया है और मूर्ति का शुद्धि‍करण किया गया है.

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जानकारी के मुताबिक, महिला द्वारा पूजा करने की तस्वीरें सीसीटीवी में कैद हैं, जिसे देखने के बाद मंदिर में जमकर हंगामा हुआ. बढ़ते विवाद को देखते हुए जहां पूजा करने वाली महिला ने यह कहते हुए प्रशासन से माफी मांगी है कि उसे परंपरा की जानकारी नहीं थी, वहीं मूर्ति को अपवित्र मानते हुए मंदिर प्रशासन ने शनिदेव का दूध से प्रतिमा का अभिषेक किया है. यही नहीं, पवित्रता के लिए पूरे मंदिर को भी धुला गया है.

बताया जाता है कि शनिवार दोपहर तीन बजे पुणे की एक महिला शनि मंदिर के चबूतरे पर पहुंच गई. उसने वहां तेल चढ़ाकर शनि महाराज के दर्शन किए. हालांकि जब तक सुरक्षा में तैनात सेवादारों को मामला समझ में आता, वह महिला वहां से निकल चुकी थी. जबकि उस वक्त मंदिर में कई श्रद्धालु मौजूद थे.

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गौरतलब है कि 15 साल पहले भी शनि शिंगणापुर मंदिर में महिलाओं की एंट्री पर बैन का विरोध हुआ था, तब जानेमाने रंगकर्मी डॉ. श्रीराम लागू भी महिलाओं के पक्ष में मुहिम से जुड़े थे. दूसरी ओर, मंदिर प्रशासन के ताजा कदम की आचार्य प्रमोद कृष्णम ने भी निंदा की है.

ट्रस्ट ने दिया हाई कोर्ट का हवाला
शनि मंदिर के ट्रस्टी सयाराम बनकर कहते हैं, 'इस घटना से देवस्थान की सुरक्षा-व्यवस्था की पोल खुल गई है. इससे श्रद्धालुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. घटना के बाद ग्राम सभा ने फैसला किया कि मंदिर का शुद्धिकरण करना जरूरी है.' उन्होंने बताया कि परंपरा के मुताबिक, इस मंदिर में पिछले 400 साल से किसी महिला को तेल चढ़ाने या अंदर जाकर पूजन करने की इजाजत नहीं है. ट्रस्ट का दावा है कि मुंबई हाई कोर्ट ने भी पहले इस परंपरा को सही ठहराया था.

घटना के विरोध में बंद का ऐलान
ग्राम सभा ने घटना पर कार्रवाई करते हुए जहां 6 सेवादारों को निलंबित कर दिया है, वहीं घटना के विरोध में शनि शिंगणापुर में बंद का एलान भी किया गया है. यह मंदिर महाराष्ट्र में शिरडी के पास ही स्थित है.

महिला के समर्थन में उतरे लोग
इन सब के बीच, अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति की सदस्य रंजना गवांदे ने कहा कि वह महिला की हिम्मत का हम स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा, 'जब देश में महिला-पुरुषों को बराबरी हासिल है तो कई मंदिरों में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी क्यों है? शनि शिंगणापुर में यह क्रांतिकारी घटना हुई है. इस पर राजनीति न हो और मंदिर को महिलाओं के लिए खोला जाए.'

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