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राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पोते कनु गांधी का सोमवार रात दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. कनुभाई लंबे समय से सूरत के अस्पताल में भर्ती थे. कनु रामदास गांधी नासा में वैज्ञानिक भी रह चुके हैं.
कनु गांधी लंबे समय से बीमार थे. गौरतलब है कि कनुभाई गांधी पिछले कई दिनों से सूरत के अस्पताल में वेंटीलेटर पर थे. कनुभाई गांधी को दिल का दौरा पड़ने और लकवा मारने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्रवीट कर कनुभाईके निधन पर दुख जताया.
तीन साल पहले अमेरिका से भारत लौटे
फिलहाल कनुभाई की एक बहन जो बंगलुरु में रहती हैं, उनकी तबीयत खराब होने पर सूरत आई हुई थीं. कनुभाई सूरत के पार्ले प्वाइंट पर राधाकृष्ण मंदिर के संतनिवास में रह रहे थे. कनुभाई तीन साल पहले अमेरिका से भारत लौट आए थे. कनुभाई शुरुआत में दिल्ली, वर्धा, नागपुर के बाद मरोली गांधी आश्रम में रहे थे. इसके बाद वो सूरत के एक वृद्धाश्रम में भी कुछ महीना रहे, लेकिन फिर दिल्ली चले गए.
पंजाबी समाज ने किए थे इंतजाम
हालांकि पिछले तीन महीनों से वो सूरत के राधाकृष्ण मंदिर में रह रहे थे. यहां उनके साथ उनकी पत्नी भी रहती थीं. उन्हें किसी भी चीज की कोई कमी ना आए इसके लिए सभी तरह के इंतजाम पंजाबी समाज की ओर से किए गए थे.
कनुभाई गांधी की एक तस्वीर हैं, जिसमें वो काफी छोटे हैं और गांधीजी की छड़ी पकड़कर आगे चल रहे हैं. ये तस्वीर उस समय की है, जब गांधीजी ने दांडी यात्रा की थी.