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आपत्ति के बावजूद महिंदा राजपक्षे विपक्ष के नेता नियुक्त

विक्रमसिंघे को फिर से श्रीलंका का प्रधानमंत्री बनाए जाने से राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो गया, जो 26 अक्टूबर को उन्हें बर्खास्त किए जाने से शुरू हुआ था.

महिंदा राजपक्षे (फोटो- पीटीआई) महिंदा राजपक्षे (फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • कोलंबो,
  • 19 दिसंबर 2018,
  • अपडेटेड 4:56 AM IST

श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को मंगलवार को हंगामे के बीच स्पीकर कारू जयसूर्या ने विपक्ष का नेता नियुक्त किया. राजपक्षे ने 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दिया था.

प्रधानमंत्री रनिल विक्रमसिंघे की पुनर्नियुक्ति के बाद से मंगलवार को पहली बार संसद की कार्यवाही शुरू हुई. विक्रमसिंघे को फिर से प्रधानमंत्री बनाए जाने से राजनीतिक गतिरोध समाप्त हो गया, जो 26 अक्टूबर को उन्हें बर्खास्त किए जाने से शुरू हुआ था.

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जयसूर्या ने कहा कि राष्ट्रपति मैत्रिपाला सिरिसेना का युनाइटेड पीपल्स फ्रीडम अलायंस सबसे बड़ा विपक्षी दल है, इस कारण वह राजपक्षे को विपक्ष के नेता के रूप में मान्यता देते हैं.

इस फैसले पर सत्तारूढ़ युनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) और तमिल नेशनल अलायंस (टीएनए) ने आपत्ति जताई. टीएनए के सांसद एम.ए. सुमनथिरण ने कहा कि राजपक्षे को नियुक्त नहीं किया जा सकता क्योंकि उन्होंने युनाइटेड पीपुल्स फ्रीडम अलायंस से इस्तीफा दे दिया है और वह श्रीलंका पोडुजना पेरामुना में शामिल हो गए हैं.

उन्होंने स्पीकर से राजपक्षे की नियुक्ति की जांच के लिए एक समिति के गठन का आग्रह किया. सुमनथिरण से लिखित में अपनी शिकायत सौंपने के लिए कहा गया है, जिस पर शुक्रवार को विचार किया जाएगा.

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