
महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर वोट डाले जा रहे हैं. इस चुनाव में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिए जाने के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के संकल्प पत्र पर खूब बवाल हुआ. राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने आज मतदान करने के बाद सावरकर विवाद पर अपना पक्ष रखा.
कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए मोहन भागवत ने कहा कि हम पिछले 90 सालों से विवादों के साथ जीने के आदी हैं. ये बातें राजनीति में होती हैं. विचारों में मतभेद हो सकते हैं, लेकिन हम एक समाज हैं.
मोहन भागवत ने कहा कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को बीते 90 वर्षों से निशाना बनाया जा रहा है, लेकिन घबराने की कोई बात नहीं है. यह समाज एक है और हम हमेशा बने रहेंगे. मोहन भागवत ने खुद को गैर राजनीतिक व्यक्ति बताते हुए कहा, 'मैं एक गैरराजनीतिक व्यक्ति हूं.'
समाज एक है
वीर सावरकर को भारत रत्न देने की चर्चाओं के बीच लगातार संघ और बीजेपी विपक्ष के निशाने पर हैं. कांग्रेस लगातार संघ को निशाना बना रही है. इसी बीच मोहन भागवत ने कहा कि यह राजनीतिक का हिस्सा है, लेकिन समाज बंटा नहीं है, एक है.
मैं गैर राजनीतिक व्यक्ति हूं
मोहन भागवत से जब सवाल किया गया कि राज्य के विधानसभा चुनावों के नतीजे क्या होंगे तो संघ प्रमुख ने कहा कि मैं इसका अनुमान नहीं लगा सकता. मैं एक गैर राजनीतिक व्यक्ति हूं. नतीजे 3 दिनों में आ जाएंगे.
संघ प्रमुख ने लोगों से वोटिंग की अपील भी की. संघ प्रमुख ने कहा, 'हर किसी को वोट करना चाहिए. जनता का यह अधिकार है कि वह अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करें. हमारा जोर है कि लोग 10 फीसदी वोटिंग करें. यह बिना सोचे समझे कि क्या माहौल है, या कौन सामने है. '