
महाराष्ट्र के भीमा-कोरेगांव में पिछले साल भड़की जातीय हिंसा की बरसी से ठीक पहले भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद को भीमा-कोरेगांव स्मारक स्थल पर पहुंचने से पहले ही रोक ले लिया गया है. प्रशासन ने उन्हें भीमा-कोरेगांव में रैली करने की अनुमति नहीं दी है. इतना ही नहीं, बॉम्बे हाईकोर्ट से भी चंद्रशेखर आजाद को रैली करने की अनुमति नहीं मिल सकी है. इससे पहले चंद्रशेखर आजाद रविवार को भारी पुलिस सुरक्षा के बीच पुणे पहुंचे थे.
इस संबंध में भीम आर्मी के समर्थक नितिन सातपुते ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर करके रैली करने की अनुमति मांगी थी. इसके अलावा पुणे पुलिस पर चंद्रशेखर आजाद को हिरासत में लेने का आरोप भी लगाया गया था.
बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस संबंध में सुनवाई करके हुए पुणे पुलिस को 4 जनवरी तक जवाब देने के लिए कहा है. हालांकि पुणे पुलिस ने अदालत को बताया कि आज़ाद न तो पुलिस हिरासत में थे और न ही उन्हें नजरबंद किया गया है. इसके अलावा प्रशासन ने रैली करने की अनुमति नहीं देने की बात कही है.
इससे पहले शुक्रवार को खबर आई थी कि भीम आर्मी अध्यक्ष चंद्रशेखर आजाद के मुंबई पुलिस ने हिरासत में ले लिया है और उन्हें मलाड होटल मनिला में नजरबंद कर रखा गया है. पुलिस ने इन आरोपो से इनकार किया.
बता दें कि शनिवार को चंद्रशेखर को मुंबई के आजाद मैदान में एक रैली को संबोधित करने वाले थे. हालांकि, कार्यक्रम के लिए आयोजकों को प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने के वजह से रैली को रद्द कर दिया गया.
गौरतलब है कि पिछले साल एक जनवरी को उस वक्त हिंसा भड़क उठी थी, जब दलित समाज के लोग ईस्ट इंडिया कंपनी के सैनिकों की पेशवा की सेना पर हुई जीत की 200वीं जयंती मनाने कोरेगांव भीमा गए थे. अंग्रेजों की सेना में दलित महार सैनिक भी शामिल थे. इस कार्यक्रम में दलित नेता जिग्नेश मेवानी सहित कई लोग शामिल हुए थे और उस दौरान हिंसा भड़क गई थी. हिंसा में एक व्यक्ति की जान चली गई थी