
घटना के वक्त आरोपी बजरंगदल का जिला संयोजक था. हिंसा के एक महीने बाद जाकर योगेश राज की गिरफ्तारी हो सकी थी. योगेश राज के खिलाफ देशद्रोह का मामला चल रहा है, जिसमें आरोपी को जमानत मिली है.
बुलंदशहर जिले के स्याना थाना के पास 3 दिसंबर को कथित गो हत्या की अफवाह के बाद हिंसा हुई थी. इस हिंसा में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह और सुमित नाम के एक युवक की मौत हो गई थी. योगेश राज पर हिंसा और वहां मौजूद भीड़ को उकसाने का आरोप है. बुलंदशहर हिंसा को लेकर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार पर काफी सवाल उठे थे. इस हिंसा में कुल 33 लोगों को हिरासत में लिया गया था.
उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में हुई हिंसा के मामले में आरोपियों पर राजद्रोह की धारा भी लगी है. योगी सरकार ने राजद्रोह की धारा लगाने की अनुमति दी थी. बुलंदशहर के कोतवाली स्याना के गांव चिंगरावठी में गोकशी के बाद हिंसा हुई थी, जिसमें एक युवक और इंस्पेक्टर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
बुलंदशहर हिंसा के आरोपी जब बेल पर जेल से बाहर आए थे, तब जय श्री राम और वंदे मातरम के नारों के बीच उनका स्वागत किया गया था. इस केस के 6 आरोपियों को लोगों ने फूलों की माला पहनाई थी और उनके साथ एक-एक कर सेल्फी भी ली थी.
स्याना थाना क्षेत्र के चिंगरावठी इलाके में हुई इस हिंसा में सीओ समेत कुछ पुलिसकर्मी जख्मी भी हुए थे. यह हिंसा उस समय हुई थी, जब क्षेत्र में तीन दिन से चल रहे मुस्लिम समुदाय के इज्तिमा का समापन था. इस मामले में अब तक 44 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है.
पुलिस के मुताबिक इलाके में गोकशी की अफवाह फैलने के बाद आसपास के कई गांव से लोग चिंगरावठी चौकी पहुंच गए थे. इसके बाद थाने में जमकर तांडव मचाया था. इस दौरान पत्थरबाजी और फायरिंग की गई थी. साथ ही थाने को आग के हवाले कर दिया गया था. इस दौरान जब इंस्पेक्टर सुबोध कुमार भीड़ को समझाने का प्रयास कर रहे थे, तभी उनको गोली मार दी गई. गोली लगने के बाद इंस्पेक्टर की मौत हो गई थी.