
इंडियन आर्मी सरकारी डिफेंस कंपनी डीआरडीओ द्वारा बनाए गए 6 रडार सिस्टम खरीदने जा रही है. इस रडार के जरिए दुश्मन के हथियारों का पता लगाया जा सकेगा.
DRDO से 6 रडार सिस्टम खरीदेगी सेना
भारत ऐसे 6 Swathi Weapon Locating Radars (WLRS) डीआरडीओ से खरीदने जा रहा है. इसकी कीमत लगभग 400 करोड़ रुपये है. सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि इन रडार के जरिए सैनिकों को दुश्मन के हथियारों के सटीक लोकेशन का पता चल सकेगा. ये रडार अपने रेंज में आने वाले रॉकेट की दिशा को बताते हैं, इससे इन रॉकेट के उद्गम स्थल का पता चलता है.
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मंगलवार को स्वीकृति के लिए आएगा प्रस्ताव
इस रडार को खरीदने का प्रस्ताव मंगलवार को स्वीकृति के लिए रक्षा खरीद काउंसिल के सामने आ सकता है. डिफेंस एक्वीजिशन काउंसिल की इस मीटिंग में कई और हथियार जैसे कि शिप से छोड़े जा सकने वाले मानव रहित यान (UAV) की खरीदारी पर चर्चा हो सकती है. इस UAV को इजरायल से खरीदने का प्रस्ताव है.
देशी कंपनियों से खरीदारी के लिए 52000 करोड़
बता दें कि आत्मनिर्भर भारत की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री विदेशों से खरीदे जाने वाले रक्षा उत्पादों को देश में बनाने पर ही जोर दे रहे हैं. देशी रक्षा कंपनियों से खरीदारी के लिए इस साल के बजट में 52 हजार करोड़ की रकम आवंटित की गई है. इसके तहत रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 101 रक्षा उपकरणों और सामानों के आयात पर चरणबद्ध तरीके से रोक लगाने का ऐलान किया है. ये रोक दिसंबर 2020 से लेकर दिसंबर 2025 तक लागू होंगे.