Advertisement

मलेश‍िया से पाम ऑयल आयात पर रोक से अडानी, पतंजलि, इमामी को सबसे ज्यादा फायदा

भारतीय कंपनियां आयातित तेल के भंडार की वजह से काफी मुश्किलों का सामना कर रही थीं और अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रही थीं. पतंजलि ने हाल में ही दिवालिया हो चुकी खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया को खरीदा है.

पाम ऑयल आयात पर रोक से अडानी, पतंजलि जैसी कंपनियों को फायदा पाम ऑयल आयात पर रोक से अडानी, पतंजलि जैसी कंपनियों को फायदा
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 24 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 3:50 PM IST

  • सरकार ने मलेश‍िया से पाम ऑयल के आयात पर रोक लगाई है
  • इससे अडानी, पतंजलि जैसी देसी कंपनियों को फायदा
  • मलेशिया ने कश्मीर, CAA पर भारत की आलोचना की थी

मलेश‍िया से रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर रोक अडानी विल्मर, इमामी एग्रोटेक, पतंजलि आयुर्वेद, करगिल, गोकुल एग्रो जैसी घरेलू खाद्य तेल कंपनियों के लिए वरदान साबित हो सकता है. ये सभी कंपनियां आयातित तेल के भंडार की वजह से काफी मुश्किलों का सामना कर रही थीं और अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रही थीं.

Advertisement

असल में भारत में ये कंपनियां रिफाइंड पाम ऑयल जिस रेट पर बेचती हैं, उसके मुकाबले मलेश‍िया से यहां आयात करने के बाद भी पाम ऑयल सस्ता पड़ता है. पतंजलि ने हाल में ही दिवालिया हो चुकी खाद्य तेल कंपनी रुचि सोया को खरीदा है. खाद्य तेल बाजार पर उक्त कंपनियों का दबदबा है, इसलिए आयात पर रोक से सबसे ज्यादा फायदा भी उन्हें ही होगा.

इसे भी पढ़ें: भारत की सख्ती से मलेशिया की टूट जाएगी कमर! 11 अरब डॉलर के एक्सपोर्ट पर पड़ेगी चोट

क्यों लगी मलेश‍िया के आयात पर रोक

गौरतलब है कि कश्मीर और नागरिकता कानून पर भारत सरकार के रुख का मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद के विरोध के बाद मलेशिया और भारत के बीच विवाद बढ़ गया. भारत ने  मलेशिया से रिफाइन्ड पाम ऑयल  के आयात पर रोक लगा दी है और इस बात के भी संकेत हैं कि भारत अन्य वस्तुओं के आयात पर भी प्रतिबंध लगा सकता है.

Advertisement

दरअसल, भारत ने ये कदम तब उठाया है, जब मलेशिया के प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद कश्मीर मुद्दे से लेकर नागरिकता कानून को लेकर भारत की तीखी आलोचना कर चुके हैं. महातिर ने नागरिकता कानून को लेकर कहा था कि यह पूरी तरह से अनुचित है. इसके अलावा विवादित इस्लामिक धर्मगुरु जाकिर नाइक को शेल्टर देने से भी भारत खफा है.

क्यों होगा भारतीय कंपनियों को फायदा

सॉल्वेंट एक्स्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEAI) के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर बीवी. मेहता ने कहा, 'साल 2019 में घरेलू खाद्य तेल  रिफाइनरियां अपनी क्षमता का सिर्फ 40 फीसदी ही इस्तेमाल कर पाई हैं, जबकि इसके पिछले साल में उन्होंने 60 फीसदी क्षमता इस्तेमाल किया था. समूची इंडस्ट्री बंद होने के कगार पर थी. सरकार यदि आयात पर रोक नहीं लगाती तो उनके सामने अपना अस्तित्व बचाने का कोई और चारा नहीं था.'  

ये भी देखें: तेलों के आयात पर बोले बाबा रामदेव, देश में उत्पादन की ढेरों संभावनाएं

गौरतलब है कि सरकार ने मलेश‍िया से क्रूड यानी गैर रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर कोई रोक नहीं लगाई है. इससे फायदा यह होगा कि घरेलू कंपनियां सस्ते में क्रूड ऑयल आयात कर यहां उसकी रिफाइनिंग कर खुद बेचेंगी.

मेहता ने कहा, 'इंडस्ट्री काफी समय से इसकी मांग कर रही थी कि आयात पर कुछ समय के लिए रोक लगाई जाए. हम हर साल 95 लाख टन पाम ऑयल का आयात करते हैं.'  

Advertisement

अडानी विल्मर फॉर्च्यून ब्रांड नाम से खाद्य तेल बेचती है और इसके पास सोया, सूरजमुखी, सरसों, राइस ब्रान, मुंगफली और बिनौला जैसे सभी श्रेण‍ियों में खाद्य तेल स्पैनिंग की विशाल रेंज है. यह एक दिन में  16,800 टन रिफाइंड तेल का उत्पादन कर सकती है. रिफाइंड पाम ऑयल के आयात पर रोक से दूसरे ऐसे  खाद्य तेलों का उपभोग बढ़ सकता है, जिनमें अडानी, रुचि सोया, पतंजलि,  इमामी जैसी कंपनियां मजबूत हैं.

योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि ने हाल में ही इन्सॉल्वेंसी प्रक्रिया के द्वारा 4,350 करोड़ रुपये में रुचि सोया को खरीदा है. इसी तरह अहमदाबाद की गोकुल इंडस्ट्री के पास भी सभी तरह के खाद्य तेल उत्पाद हैं. करग‍िल द्वारा भारत में जेमिनी ब्रैंड नाम से खाद्य तेलों की बिक्री की जाती है.

इसे भी पढ़ें: CAA का विरोध करने वाले मलेश‍िया की अकड़ ढीली, पाम ऑयल पर भारत से शुरू की बातचीत

पिछले एक दशक में भारतीय खाद्य तेल आयात सालाना 8 फीसदी की दर से बढ़ा है और इसका करीब 15 फीसदी हिस्सा रिफाइंड ऑयल का होता है.

कितना होता है आयात

भारत मलेशिया के खाद्य तेल का सबसे बड़ा आयातक देश रहा है. यही नहीं पाम ऑयल के मामले में भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक है. मलेश‍िया दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है. 31 मार्च को खत्म हुए पिछले वित्तीय वर्ष में मलेशिया ने भारत को कुल 10.8 अरब डॉलर का निर्यात किया जबकि भारत से सिर्फ 6.4 अरब डॉलर का ही आयात किया.

Advertisement

भारत अगर सीधे तौर पर इन वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध लगा देता है तो मलेशिया की अर्थव्यवस्था को गंभीर रूप से नुकसान पहुंच सकता है. भारत के कुल खाद्य तेल उपभोग में करीब 45 फीसदी हिस्स पाम ऑयल होता है.

(https://www.businesstoday.in/ से साभार)

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement