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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति को 13 साल की सजा

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को शुक्रवार रात 13 साल की सजा सुनाई गई. साल 2012 में एक न्यायाधीश को बंधक बनाने के मामले में आरोपी थे मोहम्मद नशीद. आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत नशीद को सजा सुनाई गई.तीन जजों की बेंच ने नशीद को सजा सुनाई.

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (फाइल फोटो) मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 14 मार्च 2015,
  • अपडेटेड 12:35 PM IST

मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को शुक्रवार रात 13 साल की सजा सुनाई गई. साल 2012 में एक न्यायाधीश को बंधक बनाने के मामले में मोहम्मद नशीद आरोपी थे. आतंकवाद निरोधक कानूनों के तहत नशीद को सजा सुनाई गई. तीन जजों की बेंच ने नशीद को सजा सुनाई.

नशीद लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित होने वाले मालदीव के पहले राष्ट्रपति थे. सूत्रों के मुताबिक देर रात तक चली अदालती सुनवाई में नशीद को आतंकवाद निरोधक कानून, 1990 के तहत अपराधी घोषित किया गया.

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नशीद पर साल 2012 में एक जज को बंधक बनाने का आरोप है. नशीद को पुलिस और सेना के विद्रोह के बाद फरवरी 2012 में मालदीव के राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देना पड़ा था. हालांकि नशीद अभी मालदीव के उच्च न्यायालय में अपनी सजा के खिलाफ अपील कर सकते हैं.

मालदीव के संविधान के अनुच्छेद 220 (ए) के तहत देश के महाभियोजक द्वारा आपराधिक आरोप लगाए गए. जज के अपहरण के मामले में मालदीव के मानवाधिकार आयोग की जांच रिपोर्ट पर महाभियोजक का मुकदमा आधारित था. नशीद की ‘गिरफ्तारी और बदसलूकी’ सहित मालदीव के घटनाक्रम पर भारत ने चिंता जताते हुए सभी पक्षों से अपील की है कि वे संवैधानिक दायरे के तहत अपने मतभेद सुलझाएं.

नशीद ने फरवरी 2013 में माले स्थित भारतीय उच्चायोग में शरण ली थी ताकि इसी मामले में गिरफ्तारी से बच सकें.

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