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मालदीव ने नहीं मानी भारत की बात, 30 दिन और बढ़ाई इमरजेंसी

संविधान के मुताबिक, मतदान के लिए 43 सांसदों की जरूरत होने के बावजूद केवल 38 सांसदों ने मतदान कर दिया.

5 फरवरी से लागू है इमरजेंसी 5 फरवरी से लागू है इमरजेंसी
जावेद अख़्तर
  • माले,
  • 20 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

भारत की अपील के बावजूद मालदीव में इमरजेंसी की मियाद बढ़ा दी गई है. मालदीव की संसद ने मंगलवार को राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन की सिफारिशों को मंजूर कर लिया. जिसके बाद मुल्क में लागू आपातकाल की अवधि 30 दिन और बढ़ गई है.

मालदीव मीडिया के अनुसार बताया गया है कि मतदान के लिए केवल 38 सांसद उपस्थित थे. आपातकाल की अवधि समाप्त होने से पहले ही मतदान हुआ. संविधान के मुताबिक, मतदान के लिए 43 सांसदों की जरूरत होने के बावजूद केवल 38 सांसदों ने मतदान कर दिया.

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार वोटिंग करने वाले सभी 38 सांसद सत्ताधारी दल के थे और उन्होंने आपातकाल की अवधि बढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी. वहीं, विपक्ष ने मतदान का बहिष्कार किया. इस फैसले के बाद अब देश में आपातकाल 22 मार्च को खत्म होगा.

5 फरवरी को लागू हुआ था आपातकाल

मालदीव के सुप्रीम कोर्ट ने एक फरवरी को पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद के खिलाफ मुकदमे पर रोक लगा दी थी. साथ ही 9 विपक्षी सांसदों की बहाली का भी आदेश दिया था. मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने कोर्ट का ये फैसला मानने से इनकार कर दिया था. जिसके बाद उन्होंने संसद भंग कर दी थी. इसके बाद 5 फरवरी को राष्ट्रपति यामीन ने 15 दिन के लिए आपातकाल की घोषणा की थी, जिसकी मियाद मंगलवार को खत्म हो रही थी.

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आपातकाल के 15 दिन पूरे होने पर भारत ने भी मालदीव सरकार से इसे आगे न बढ़ाने की उम्मीद जताई थी. बावजूद इसके मालदीव सरकार ने आपातकाल को और बढ़ा दिया.

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