
मालेगांव ब्लास्ट केस में आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित को सुप्रीम कोर्ट ने अंतरिम जमानत दे दी है. इससे पहले 25 अप्रैल को बॉम्बे हाई कोर्ट ने इस केस में दूसरी आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह को जमानत देते हुए कर्नल पुरोहित की जमानत याचिक रद्द कर दी थी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी गई थी.
महाराष्ट्र के नासिक में स्थित मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए विस्फोट में सात लोग मारे गए थे. इस मामले में साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, स्वामी असीमानंद और लेफ्टिनेंट कर्नल पुरोहित को मुख्य आरोपी बनाया गया था. एनआईए की विशेष अदालत ने पिछले साल जून में आरोपियों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
उस वक्त एनआईए ने जांच के बाद दावा किया था कि इस विस्फोट को दक्षिणपंथी संगठन अभिनव भारत ने अंजाम दिया था. इस मामले में पुरोहित ने साजिश रचने वाली बैठकों में सक्रियता से हिस्सा लिया है. वह विस्फोट में इस्तेमाल करने के लिए विस्फोट का इंतजाम करने के लिए राजी हो गए थे. हालांकि, पुरोहित ने इंकार किया था.
जानिए, मालेगांव ब्लास्ट में कब-क्या हुआ?
- 29 सितंबर, 2008 में मालेगांव में एक बाइक में बम लगाकर विस्फोट किया गया था. इसमें कुल 7 लोग मारे गए, जबकि 80 से अधिक लोग घायल हुए थे.
- इस केस में एटीएस की जांच में 'अभिनव भारत' संस्था का नाम सामने आया था.
- 24 अक्टूबर, 2008 को इस मामले में स्वामी असीमानंद, कर्नल पुरोहित सहित और साध्वी प्रज्ञा सिंह को गिरफ्तार किया गया था.
- जुलाई, 2009 में स्पेशल कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका लगा दिया था.
- जुलाई 2010 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने सभी आरोपियों पर मकोका जारी रखा था.
- 15 अप्रैल, 2015 को सुप्रीम कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले को पलटकर मकोका को हटा दिया.
- 25 अप्रैल, 2017 को बॉम्बे हाई कोर्ट ने साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को सशर्त जमानत दे दी है.