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मालदा हिंसा पर बीजेपी ने ममता बनर्जी को घेरा, मांगे पांच सवालों के जवाब

मालदा में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरा है. सोमवार को बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके न सिर्फ उन पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगाया बल्कि कई सवाल भी दागे.

ममता बनर्जी को बीजेपी ने घेरा ममता बनर्जी को बीजेपी ने घेरा
मोनिका शर्मा
  • कोलकाता,
  • 11 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 2:43 PM IST

मालदा में पिछले दिनों हुई हिंसा और पुलिस स्टेशन में आग लगाने के मामले पर सोमवार को बीजेपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा.

बीजेपी ने आरोप लगाया कि ममता वोक बैंक की राजनीति करती हैं और अफीम की खेती करने वालों को बचाना चाहती हैं. पार्टी ने ममता से पांच सवाल पूछे हैं और इनका जवाब मांगा है.

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नेताओं को रोकने से नाराज बीजेपी
मालदा हिंदा की जांच के लिए गए बीजेपी नेताओं को रोके जाने से पार्टी नाराज है. बीजेपी ने कहा कि मालदा स्टेशन पर अवैध रूप से रोका गया. पार्टी ने ममता पर तानाशाही करने और सच सामने न आने देने की मंशा का आरोप लगाया.

गैर-सामाजिक तत्वों को ममता
बीजेपी के प्रवक्ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा ममता वोट बैंक की राजनीति का बेहतरीन उदाहरण हैं. उन्होंने कहा कि CM गैर-सामाजिक तत्वों के प्रति नरमी दिखाती हैं जबकि राष्ट्रवादी लोगों पर अत्याचार होता है.

अफीम की खेती पर सरकार नरम
सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि मालदा में गैरकानूनी रूप से अफीम की खेती और तस्करी की जाती है लेकिन इस तरफ राज्य सरकार का रुख नरम है. उनका कहना है कि सरकार इसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है.

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सांप्रदायिक नहीं हिंसाः ममता
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते रविवार मालदा में हुई हिंसा पर पहली बार चुप्पी तोड़ी थी. ममता ने कहा था कि मालदा में हुई घटना सांप्रदायिक हिंसा नहीं थी. ममता के मुताबिक इस मामले को गलत तरीके से पेश किया गया है.

ममता बनर्जी पर दागे सवाल
1. क्या सरकार की जिम्मेदारी नहीं बनती कि सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने वालों को रोका जाए?
2. क्या 30 दिन बाद कोई सांप्रदायिक प्रतिक्रिया होती है? प्रतिक्रिया तत्काल होती है, इसलिए वो सांप्रदायिक प्रतिक्रि‍या नहीं थी बल्कि पहले से नियोजित घटना थी.
3. NIA एक फर्जी नोटों वाले रैकेट का भांडाफोड़ करने की तैयारी कर चुकी है. 15 लोगों को गिरफ्तार किया जो चुका था. 80 फीसदी फर्जी करंसी मालदा से आती है, क्या इसलिए पुलिस स्टेशन पर हमला हुआ और रिकॉर्ड जलाए गए?
4. अफीम की खेती में किन लोगों को बचाना चाहती हैं ममता?
5. अगर भीड़ की लड़ाई बीएसएफ के साथ थी तो बैरि‍केट क्यों नहीं जलाए गए?

राष्ट्रपति से मिलेगी बीजेपी
बीजेपी ने कहा कि वो राष्ट्रपति से मुलाकात कर इस मामले में हस्तक्षेप की मांग करेंगे. इसके अलावा पार्टी मामले की जांच किसी योग्य ऑथोरिटी से कराने की मांग पर भी विचार कर रही है. सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा, 'हम गृह मंत्री से मिलकर योग्य ऑथोरिटी से जांच की मांग करेंगे और राष्ट्रपति से भी मिलेंगे. ये राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है.'

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क्या था पूरा मामला
बीती 3 तारीख को पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में ढाई लाख अल्पसंख्यकों की भीड़ में हिंसा फैल गई. असल में यह भीड़ कथित हिंदू महासभा के नेता कमलेश तिवारी के मोहम्मद पैगंबर पर की गई कथित टिप्पणी के खिलाफ विरोध मार्च निकाल रही थी. लेकिन अचानक हिंसा भड़क गई. इस दौरान करीब दो दर्जन पुलिस की गाड़ियों में आग लगा दी गई. भीड़ ने कथित तौर पर बीएसएफ की एक बस को भी आग लगा दी थी. मामले में पुलिस ने 10 लोगों को गिरफ्तार किया था. सभी को 6 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया था.

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