
मिशन 2019 पर निकले बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को तृणमूल कांग्रेस चीफ और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने बड़ी चुनौती दी है. अमित शाह ने पांच राज्यों के अपने मिशन की शुरुआत बंगाल से की और कार्यकर्ताओं से कहा कि 2019 तक पश्चिम बंगाल से तृणमूल को उखाड़ फेंकें. ममता बनर्जी ने शाह की चुनौती स्वीकर करते हुए कहा कि आप बंगाल आओ, हम दिल्ली पर करेंगे कब्जा.
शाह की चुनौती स्वीकार: ममता बनर्जी
ममता बनर्जी ने शाह को जवाब देते हुए कहा- वे तृणमूल कांग्रेस के लोगों को जेल भेजने की बीजेपी की योजना से नहीं डरती और अब दिल्ली पर कब्जा करेंगी. ममता बनर्जी ने कहा- आप तृणमूल कांग्रेस से डर क्यों रहे हैं? क्योंकि आप जानते हैं कि थोड़े दिनों में हमारा कब्जा होगा. हम दिल्ली पर कब्जा करेंगे. ममता ने कहा कि आपके नेता दिल्ली से आते हैं और यहां झूठ फैलाते हैं. वे गुजरात को संभाल नहीं सकते और अब बंगाल पर नजरें गड़ाए हुए हैं.
ममता बनर्जी ने कहा कि वे सुबह झुग्गियों में जाते हैं और डिनर 5-स्टार होटल में करते हैं. ये उनका दोहरा चरित्र है. मैं रोज झुग्गियों में जाती हूं. गरीबों को गरीब बोलकर मजाक उड़ाना ठीक नहीं. मैं संघर्ष करने वाले सभी लोगों का सम्मान करती हूं.
शाह ने नक्सलबाड़ी से की अभियान की शुरुआत
गैर हिंदी भाषी राज्यों में बीजेपी की पैठ बनाने के लिए अमित शाह 5 राज्यों के 15 दिन के दौरे पर हैं. इस अभियान की शुरुआत शाह ने नक्सलबाड़ी से की. पश्चिम बंगाल में बीजेपी की जड़े जमाने के साथ-साथ शाह ने कार्यकर्ताओं को 2019 तक बंगाल से तृणमूल कांग्रेस को उखाड़ फेंकने का मिशन दिया.
शाह का मिशन बंगाल
पश्चिम बंगाल समेत गैरहिंदी भाषी राज्यों पर नजरें गड़ाए बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने बंगाल प्लान को लेकर आज तक के साथ एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में विस्तार से बात की-
सवाल- दिल्ली में आपकी बड़ी जीत हुई. क्या अब माना जाए कि बंगाल में आप भगवा झंडा फहराने के लिए आ गए हैं?
जवाब- देखिए अभी जो मेरा बंगाल का तीन दिन का टूर है, वो पार्टी के विस्तार का ही प्रोग्राम है. और ना केवल बंगाल में बल्कि देश भर में बीजेपी के तीन लाख से ज्यादा कार्यकर्ता फुल टाइमर बनकर हर बूथ पर पार्टी के विस्तार के लिए काम करेंगे. दीनदयाल उपाध्याय जन्मशताब्दी के तहत दीनदयाल विस्तारक योजना, जो चल रही है, के लिए तीन दिन के लिए बंगाल आया हूं. स्वाभाविक रूप से पार्टी के विस्तार की बात जब होती है, तो वहीं ज्यादा जरूरत होती है, जहां पार्टी संगठनात्मक रूप से मजबूत नहीं है. हमारा फोकस केरल, आंध्र, तेलंगाना, त्रिपुरा, तमिलनाडु, उड़ीसा, नॉर्थ ईस्ट और बंगाल पर है. हजारों कार्यकर्ता हर राज्य में एक-एक बूथ पकड़ कर भारतीय जनता पार्टी के विस्तार में निकले हैं. ये हमारी महत्वपूर्ण योजना है और बंगाल में हमें बहुत अच्छा रिस्पांस भी मिल रहा है. मुझे स्पष्ट रूप से दिख रहा है कि बंगाल में बीजेपी बहुत मजबूत होकर उभरेगी.
सवाल- तृणमूल कह रही है कि सिर्फ अमित शाह ही नहीं आए, उनके साथ सीबीआई आई है और इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आया है. उनका कहना है कि बीजेपी साम-दाम-दंड-भेद सभी तरीके अपना रही है, ताकि किसी तरह ममता बनर्जी को घेरा जाए?
जवाब- आपने नारद स्टिंग देखा है या नहीं, मुझे मालूम नहीं. कोर्ट और सीबीआई जांच आप इन सभी चीजों को साइड में रख दें. जब कैमरे के सामने घूस ली जा रही है, तो फिर किसी पर दोष क्यों निकाल रहे हैं? आपके नेता कैमरे के सामने घूस ले रहे थे, इसका क्या जवाब है और नारद की जांच का निर्णय मोदी सरकार ने नहीं लिया है, बल्कि पहले कलकत्ता हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट ने लिया है. सीबीआई का कारण क्यों देख रहे हैं?
सवाल- ममता कहती हैं कि सीडी फिक्स्ड है. वो अपने नेताओं का बचाव कर रही हैं. कह रही हैं कि साजिश के तहत यह सब किया गया. जवाब- कैमरे के बिना तो घूस लेना सही है और कैमरे पर पकड़े जाना साजिश है. मेरी तो समझ में नहीं आ रहा कि वह किस तरह के तर्क दे रही हैं.
सवाल- लेकिन उनका कहना है कि जो नेता पकड़े गए हैं, नारद स्टिंग हो या शारदा केस, उनको प्रेशर में डाला जा रहा है कि वो ममता बनर्जी और टीएमसी सरकार के खिलाफ कुछ बोलें, ताकि उन्हें तोड़ा जाए और दबाया जाए.
जवाब- कितने समय से शारदा मामले की जांच चल रही है. कम से कम ढाई साल से. शारदा कांड में लिप्त एक भी व्यक्ति ने बीजेपी को ज्वाइन नहीं किया है. ना ही हमारा यह मकसद है. मगर क्या बीजेपी भ्रष्टाचार को विपक्ष में रहते हुए भी बंगाल में उजागर ना करें. यह बीजेपी का दायित्व है कि भ्रष्टाचार जो यहां बढ़ा है, पनपा है, उसे उजागर करे.
सवाल- क्या आपको लगता है कि जो भ्रष्टाचार बढ़ा है उसके लिए और नारद-शारदा मामले के लिए ममता बनर्जी खुद जिम्मेदार हैं?
जवाब- स्वाभाविक रूप से वे अपनी पार्टी की अध्यक्ष हैं. मुख्यमंत्री हैं. भ्रष्टाचार को काबू करना और अपने मंत्रियों को कंट्रोल में रखना उनकी जिम्मेदारी है.
सवाल- क्या आपको ऐसा लगता है कि ममता बनर्जी भी जेल जा सकती हैं या वह भी फंस सकती हैं?
जवाब- मैंने ऐसा नहीं कहा है, कौन जेल जाएगा, ये भी नहीं कहा. लेकिन भ्रष्टाचार ना बढ़े, इसकी स्वाभाविक रूप से जिम्मेदारी मुख्यमंत्री की होती है, पार्टी अध्यक्ष की होती है.
सवाल- आप पश्चिम बंगाल में अपनी पार्टी को एक्सपेंड करने की जैसे-जैसे कोशिश कर रहे हैं, वैसे-वैसे आप पर भगवाकरण की कोशिश का आरोप लग रहा है. हालांकि अब हम देख रहे हैं कि ममता बनर्जी भी काउंटर में रामनवमी, हनुमान जयंती रैली इस तरह से आयोजित कर रही हैं कि कहीं ये मैसेज ना जाए कि सिर्फ बीजेपी ही धार्मिक पार्टी नहीं है. जितना धर्म आप जानते हैं, उतना हम भी जानते हैं.
जवाब- अच्छा है कि हमारी वजह से उन्हें धर्म तो याद आया.
सवाल- क्या आपको लगता है कि बीजेपी के चक्कर में ही इनको याद आ रहा है? नहीं तो पहले इस तरह से यहां रामनवमी नहीं मनाई जाती थी. ना ही ऐसे रैली निकलती थीं. कम से कम तृणमूल तो नहीं निकालती थी.
जवाब- देखिए रामनवमी की रैली भी बीजेपी ने आयोजित नहीं की. कोई सामाजिक संस्था इसका आयोजन करती है, बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता इसमें हिस्सा लेते हैं.
सवाल- एक बात साफ हो गई है कि ममता बनर्जी को भी कहीं ना कहीं एहसास हो गया है कि बीजेपी ही मुख्य विपक्षी पार्टी है बंगाल में? जवाब- तीन चुनाव से यह तय हो गया है कि हम नंबर दो पर रहे हैं. बंगाल में जो अपोजिशन की पार्टियां हैं, वो अप्रासंगिक होती जा रही हैं. अब बीजेपी ही प्रिंसिपल अपोजिशन पार्टी का स्थान ले चुकी है और अगले चुनाव में मेरी बात का ध्यान रखना कि बीजेपी ही 2019 में बंगाल से सबसे ज्यादा लोकसभा सीट जीतेगी.