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PNB घोटाला: ममता की मोदी को चेतावनी, कहा- गरीब जमाकर्ताओं का पैसा लौटाए सरकार

ममता बनर्जी ने झारग्राम में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा,  ‘आज लोग आशंकित हैं. देखिए मुंबई में पंजाब नेशनल बैंक में क्या हुआ. 11,000 करोड़ रुपए का घोटाला! वो सारा पैसा जो आम आदमी का है. कौन इस पैसे को ले गया? कौन इसे खा गया.’

ममता बनर्जी (फाइल फोटो) ममता बनर्जी (फाइल फोटो)
इंद्रजीत कुंडू/खुशदीप सहगल
  • कोलकाता,
  • 15 फरवरी 2018,
  • अपडेटेड 10:12 PM IST

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले की गहराई से जांच किए जाने की जरूरत जताई है. ममता बनर्जी ने गुरुवार को साथ ही नरेंद्र मोदी सरकार को चेताया कि आम आदमी के बचत के पैसे की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उनकी पार्टी बड़ा आंदोलन करने से भी नहीं चूकेगी.  

ममता बनर्जी ने ट्वीट में लिखा- ‘देखिए पंजाब नेशनल बैंक में क्या हुआ? 11,000 रुपए से बड़ा घोटाला. लोगों की बचत भी सुरक्षित नहीं है. इसकी व्यापक तौर पर समयबद्ध जांच होनी चाहिए.’

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पीएनबी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक है. पीएनबी की मुंबई स्थित एक ब्रांच में हाल में 11,000 करोड़ रुपए के फर्जी लेनदेन का खुलासा होने से हड़कंप मचा हुआ है. इस मामले में सीबीआई जांच शुरू हो चुकी है.

ममता बनर्जी ने झारग्राम में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए कहा,  ‘आज लोग आशंकित हैं. देखिए मुंबई में पंजाब नेशनल बैंक में क्या हुआ. 11,000 करोड़ रुपए का घोटाला! वो सारा पैसा जो आम आदमी का है. कौन इस पैसे को ले गया? कौन इसे खा गया.’

ममता ने कहा, ‘वो जिन्होंने पैसा चुराया भाग जाएंगे लेकिन आम आदमी का पैसा कैसे वापस आएगा? इस तरह के भ्रष्टाचार की जांच होनी चाहिए.’  ममता ने चेतावनी के लहजे में कहा कि तृणमूल कांग्रेस तब तक केंद्र सरकार का पीछा नहीं छोड़ेगी जब तक लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं हो जाता.  

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प्रस्तावित एफडीआरआई बिल का विरोध करते हुए ममता ने केंद्र सरकार पर गरीबों की कड़ी मेहनत से बचाए पैसे को झटकने का आरोप लगाया. ममता ने कहा, ‘हाल में उन्होंने एफडीआरआई बिल लाने की बात कही. मैंने इसके विरोध में चिट्ठी लिखी है. क्यों लिखी है? क्योंकि ये बिल कहता है कि लोग अपनी बचत के पैसे को जब चाहें, नहीं निकाल सकते. हमने इस बिल को वापस लेने के लिए कहा है. मैंने इसके लिए वित्त मंत्री को चिट्ठी भी लिखी लेकिन उन्होंने जवाब देना भी जरूरी नहीं समझा.’ ममता के मुताबिक उन्होंने अपना विरोध जताने के लिए गुरुवार को केंद्र को फिर चिट्ठी लिखी है.  

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