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'कांग्रेस के एकलव्य': सोनिया-राहुल को जेल न हो, इसलिए उंगली काटकर भगवान को चढ़ा दी

अपने पसंदीदा नेताओं सोनिया और राहुल गांधी को जेल न हो, इसलिए पार्टी के एक वफादार ने अपनी उंगली ही काटकर तिरुपति में दान कर दी. किस्सा दिसंबर का है, पर सामने अभी आया है.

राहुल और सोनिया गांधी राहुल और सोनिया गांधी
विकास वशिष्ठ
  • बंगलुरु,
  • 10 जनवरी 2016,
  • अपडेटेड 6:19 PM IST

वैसे तो अपनी नेता के लिए जान न्यौछावर करने वाले भक्त तमिलनाडु में ही पाए जाते हैं. लेकिन अब कर्नाटक से भी एक बड़े भक्त सामने आए हैं. इंदुवाल सुरेश. ये आजकल कांग्रेस के एकलव्य कहे जा रहे हैं. कारण, कांग्रेस के प्रति इनकी श्रद्धा. वह भी ऐसी कि तिरुपति जाकर अपनी उंगली ही काटकर दान कर आए. सिर्फ इस चाहत में कि नेशनल हेराल्ड केस में कांग्रेस अध्यक्ष और उनके बेटे राहुल गांधी को जमानत मिल जाए और दोनों जेल जाने से बच जाएं.

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कांग्रेस इनकी पसंदीदा पार्टी है और सोनिया-राहुल के ये बड़े वाले फैन हैं. इनकी कहानी बस इतनी सी ही नहीं है. परत दर परत खुलती एक-एक बात के साथ और दिलचस्प होती चली जाती है. अब बिना किसी लाग-लपेट के पूरी कहानी बताते हैं कि कैसे इनकी भक्ति जागी, कैसे ये कटी उंगली दान पेटी में डालने में कामयाब हो गए और कैसे मंदिर में किसी को इसकी भनक तक नहीं लगी.

1000 के नोट में लपेटकर दान पेटी में डाली उंगली
सुरेश से जब पूछा गया कि क्या मंदिर में किसी का भी ध्यान इस कटी हुई उंगली की ओर नहीं गया? किसी ने रोका नहीं, तो बोले- 'मैंने उंगली को 1000 रुपये के नोट में लपेट दिया था.' कहते हैं- 'मैंने उंगली काटी तो मुझे दर्द भी नहीं हुआ. बाद में मंदिर के ही पास वाले अस्पताल गया और डॉक्टर से कहा कि अपनी कार के एसी का कंप्रेसर ठीक करते वक्त उंगली कट गई. इलाज भी हो गया.'

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शपथ ली थी- दान दूंगा उंगली
सुरेश का कहना है कि जब सोनिया और राहुल को कोर्ट ने पेशी के लिए समन भेजा तो सबको बहुत चिंता हो गई थी. मैंने तभी संकल्प लिया था कि मैं तिरुपति मंदिर जाकर अपनी उंगली चढ़ाऊंगा, बस मेरे नेताओं को बेल मिल जाए. सोनिया और राहुल को 19 दिसंबर को 10 मिनट में ही जमानत मिल गई थी. हालांकि मामले में 20 फरवरी को दोबारा सुनवाई होनी है और दोनों को दोबारा कोर्ट में पेश होना है.

किस्सा, जिससे सामने आई यह घटना
इन महाशय की खबर उड़ती-उड़ती कर्नाटक के हाउसिंग मिनिस्टर एमएच अंबरीश तक पहुंची. खुद बिजी थे तो इन्हें ही अपने घर बंगलुरू बुला लिया. घर पहुंचे तो उन्हें पूरी बात बताई और अपना हाथ दिखाया. अंबरीश यह देख भौचक रह गए. बोले- 'तुम तो भाई कलियुग के एकलव्य हो. लेकिन हमें चमचागीरी नहीं चाहिए और वो भी ऐसी.' सुरेश ने यह भी बाताया कि उन्होंने इस सबके बारे में अपने परिवार से भी कुछ नहीं कहा. अपने दोस्त के साथ ही तिरुपति गए थे.

वजह, उंगली ही क्यों की दान
अंबरीश ने उनसे पूछा- तुमने आखिर उंगली ही क्यों दान की? तुम पदयात्रा भी कर सकते थे या किसी दूसरे तरीके से भी तो अपनी श्रद्धा जता सकते थे और दुआ मांग सकते थे? जवाब में सुरेश बोले- 'ये सारे तरीके पुराने हो गए हैं. मैं बेचैन था कि किसी भी तरह सोनियाजी और राहुलजी को जेल न जाना पड़े. इसलिए मैंने नया तरीका अपनाया. सुरेश कारोबारी आदमी हैं. इनका मार्बल का धंधा है. ये मांड्या के रहने वाले हैं.

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जब-जब CM बने नीतीश, इस फैन ने काट ली उंगली
बिहार में भी नीतीश कुमार के एक चाहने वाले हैं. नीतीश जब-जब मुख्यमंत्री बने हैं, ये महाशय अपनी उंगली काट लेते हैं. नाम है अनिल शर्मा. उम्रः 45 साल. लोग इन्हें अली बाबा के नाम से जानते हैं. ये जहानाबाद के घोसी थाना क्षेत्र के वैना गांव के रहने वाले हैं. अब तक तीन बार अपनी उंगली काटकर गंगा में चढ़ा चुके हैं.

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