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खुले में शौच करतीं महिलाओं के फोटो लेने से रोका, तो निगमकर्मियों ने युवक को पीट-पीट कर मार डाला

शुक्रवार की सुबह प्रतापगढ़ शहर की कच्ची बस्ती में नगरपरिषद की स्वच्छ भारत मिशन की टीम मोर्निंग फोलो-अप कर रही थी. इस दौरान खुले में शौच करने वालों को रोका जाने का काम किया जाता है.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
अमित कुमार दुबे/शरत कुमार
  • जयपुर,
  • 16 जून 2017,
  • अपडेटेड 8:29 AM IST

राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले में खुले में शौच करने को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि एक व्यक्ति को पीट-पीट कर मार डाला. राजस्थान सरकार के खुले में शौच को रोकने और नहीं रुकनेवाले को शेम (लज्जित) करने का अभियान चल रहा है. लेकिन इसी दौरान विवाद इतना बढ़ा कि एक मजदूर नेता की पिटाई से मौत हो गई.

राजस्थान का प्रतापगढ़ जिला शुक्रवार को एक दर्दनाक घटना से सिहर उठा. घटना से जिले भर में सनसनी फ़ैल गई. यहां प्रतापगढ़ नगरपरिषद की स्वच्छ भारत मिशन टीम ने पहले एक महिला का शौच करते हुए आपत्तिजनक फोटो लिया गया, कच्ची बस्ती वालों ने विरोध किया तो दोनों तरफ से मारपीट शुरू हो गई.

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दरअसल हुआ यह कि शुक्रवार की सुबह प्रतापगढ़ शहर की कच्ची बस्ती में नगरपरिषद की स्वच्छ भारत मिशन की टीम मोर्निंग फोलो-अप कर रही थी. इस दौरान खुले में शौच करने वालों को रोका जाने का काम किया जाता है. टीम ने सुबह एक महिला को खुले में शौच के लिए जाने से रोका तो वह नहीं मानी और शौच करने बैठ गई. इस पर टीम के लोगों ने उसके शौच करते हुए फोटो ले लिए और फिर लज्जित करने लगे.

(मृतक जफर खान की तस्वीर)

इस बात की भनक जैसे ही समाज सेवी और श्रमिक संगठन के नेता 50 वर्षीय जफ़र खान को लगी, तो वो टीम का विरोध करने पहुंच गया. जफ़र और टीम के बीच खूब कहासुनी हुई और फिर ये कहासुनी मारपीट में बदल गई. धीरे-धीरे विवाद खूनी संघर्ष में बदल गया. फिर स्वच्छ भारत मिशन की टीम ने जफ़र खान को इतना पीटा कि उसकी मौत ही हो गई. जफ़र को इलाज के लिए जिला अस्पताल लाया भी गया, लेकिन अफ़सोस वो बच नहीं सका.

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बात यहीं नहीं थमी, जफ़र की मौत के बाद मामले में तूल पकड़ लिया और शहर भर में तनाव की स्थिति पैदा हो गई. जिला चिकित्सालय में बड़ी संख्या में लोग जमा हो गए और नगरपरिषद आयुक्त अशोक जैन समेत चार की गिरफ़्तारी की मांग पर अड़ गए. इसी बीच महिलाओं ने नेशनल हाईवे 113को जाम भी कर दिया. कई घंटों तक विवाद चलता रहा. अस्पताल में भी हंगामा होता रहा. लोगों ने नगरपरिषद से लगाकर सभापति के घर तक हंगामा किया. शहर के कई चौराहों पर हंगामे और प्रदर्शन होने लगे. इसी बीच पुलिस की भी नींद उड़ गई, पूरा शहर मानों छावनी में बदल गया.

इसके बाद जिले के एडिशनल कलेक्टर हेमेन्द्र नागर, एडिशनल एसपी रतन लाल भार्गव, थानाधिकारी मांगीलाल विश्नोई और जिला मुख्य कार्यकारी अधिकारी वृद्धि चंद गर्ग ने लोगों को शांत करने की कोशिश की. घंटों बातचीत के बाद मामला शांत हुआ और परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम करने दिया.

इस दौरान गुस्साए लोगों ने नगरपरिषद सभापति कमलेश डोसी, आयुक्त अशोक जैन के खिलाफ खूब नारेबाजी की. अतिरिक्त जिला कलेक्टर हेमेंद्र नागर ने बताया कि पुलिस ने आयुक्त और स्वच्छ भारत मिशन के टीम के तीन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और कार्रवाई शुरू कर दी है.

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