
'मी टू' कैंपेन से सामने आ रहे खुलासे पर केंद्रीय महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी का कहना है कि वो 4 साल से व्यवस्था बना रही हैं ताकि 'मी टू' कैंपेन चले. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उन्होंने 'सी बॉक्स' चलाया था ताकि कोई औरत शिकायत कर सके. इतना ही नहीं, हम लोगों ने हर कंपनी में आदेश दिया कि सेक्सुअल हरैसमेंट कमिटी बनाई जाए.
मंत्री ने कहा, 'मैंने पूरी फिल्म इंडस्ट्री को चिट्ठी लिखी कि हर एक फिल्म प्रोड्यूसर सेक्सुअल हरैसमेंट कमेटी बनाए. अब यह तय हो गया है और कानून बन गया है. अब यह भी तय हो गया है कि अगर आप कमिटी नहीं बनाएंगे, तो आपके फाइनेंशियल रिटर्न मंजूर नहीं होंगे. इस पर बहुत काम हुआ है और धीरे-धीरे औरतों में ताकत आई है कि बोलना शुरू करें. इसलिए मैं खुश हूं कि औरतें बोल रही हैं.
मेनका गांधी के मुताबिक, पहले यौन उत्पीड़न की शिकायत करने की अवधि निश्चित थी लेकिन हमारी राय में इसमें कोई लिमिट नहीं होनी चाहिए और मैंने इसके लिए कानून मंत्रालय को भी लिखा है. आप कितने भी साल के हों, आप शिकायत कर सकते हैं और पुलिस को यह जानना जरूरी है.
बड़े-बड़े लोगों के खिलाफ कार्रवाई पर मेनका गांधी का कहना है कि जांच तो बिल्कुल होनी चाहिए. मर्द अक्सर पोजिशन ऑफ पावर में ऐसा करते हैं. यह मीडिया पर भी अप्लाई होता है और पॉलिटिक्स पर भी या किसी कंपनी में सीनियर व्यक्ति पर भी. गांधी ने कहा कि जब औरतों ने बोलना शुरू कर दिया है तो हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए और हर आरोप पर कार्रवाई होनी चाहिए.
एक नेता पर लगे आरोपों पर मेनका गांधी ने कहा, मैं इस पर कुछ नहीं कह सकती, जांच होना चाहिए. उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय महिला आयोग भी सख्ती बरत रहा है. तनुश्री और नाना पाटेकर के मामले पर केंद्रीय मंत्री ने कहा पुलिस अपना काम करेगी. हालांकि यह मामला केवल सोशल मीडिया के हाथ में नहीं होना चाहिए. इसमें कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए. इसमें पुलिस को अपनी भूमिका निभानी चाहिए.