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कांग्रेस की अहम टीम में शामिल हुए विवादित मणिशंकर अय्यर, पार्टी को फायदा या नुकसान

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अय्यर को कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी ग्रुप का सदस्य बनाया है. इस ग्रुप में पी चिदंबरम, गुलाम नबी आज़ाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयराम रमेश और आनंद शर्मा जैसे नेताओं को भी जगह मिली है. यह ग्रुप कांग्रेस के मीडिया विभाग को तात्कालिक मसलों पर अपनी राय देगा. जिसके बाद पार्टी के प्रवक्ता पार्टी की राय जनता के सामने रखेंगे.

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं मणिशंकर अय्यर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं मणिशंकर अय्यर
कुमार विक्रांत
  • नई दिल्ली,
  • 13 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 7:06 AM IST

कांग्रेस नेता और राजीव गांधी के करीबी मणिशंकर अय्यर अपने विवादस्पद बयानों से अक्सर सुर्खियां बटोरते रहे हैं. कश्मीर और पाकिस्तान को लेकर उनके बयानों से असहज कांग्रेस को कई बार उनसे पीछा छुड़ाना भारी पड़ा है. हाल के वक़्त में कांग्रेस उनके बयानों को नकारती रही है. पार्टी कहती रही है कि, वह अय्यर की निजी राय है, पार्टी की नहीं. अब कांग्रेस के लिए उनके बयानों से पल्ला झाड़ने मुश्किल होगा क्योंकि अब अय्यर पार्टी के अहम विभाग में सोनिया गांधी की कलम से जगह पा गए हैं.

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कश्मीर और पाकिस्तान पर बखेड़ा खड़ा करने वाले अपने बयानों की वजह से मणिशंकर अय्यर की कांग्रेस की सक्रिय राजनीति में वापसी हो गई है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अय्यर को कम्युनिकेशन स्ट्रेटेजी ग्रुप का सदस्य बनाया है. इस ग्रुप में पी चिदंबरम, गुलाम नबी आज़ाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जयराम रमेश और आनंद शर्मा जैसे नेताओं को भी जगह मिली है. यह ग्रुप कांग्रेस के मीडिया विभाग को तात्कालिक मसलों पर अपनी राय देगा. जिसके बाद पार्टी के प्रवक्ता पार्टी की राय जनता के सामने रखेंगे.

सबको याद है कि, अय्यर ने कुछ महीने पहले अपनी पाकिस्तान यात्रा के दौरान वहां के एक निजी चैनल में बयान दिया था कि दोनों देशों के रिश्ते सुधारने के लिए मोदी सरकार से पीछा छुड़ाने में वह उनकी मदद करें या फिर कांग्रेस की सरकार के आने का इंतज़ार करे. अय्यर के पाकिस्तान में दिए इस बयान पर देश में बहुत बवाल मचा था और कांग्रेस को बयान से पल्ला झाड़ना पड़ा था.

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अय्यर कश्मीर के अलगाववादी नेताओं से भी मिलते रहे हैं और भारत सरकार से उनको बातचीत में शामिल करने की वकालत करते रहे हैं. हाल ही में वो पाकिस्तान परस्त अलगाववादी नेता गिलानी से मिलने एक प्रतिनिधिमंडल के साथ कश्मीर भी गए थे जिसको लेकर काफी हल्ला मचा था. उस वक़्त भी पार्टी ने उनके रुख से ये कहकर किनारा कर लिया था कि उन्हें कांग्रेस ने नहीं भेजा है और वह अपनी व्यक्तिगत हैसियत से वहां गए हैं.

यही नहीं अय्यर ने प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाये जाने के बाद मौजूदा प्रधानमंत्री मोदी को चाय बेचने वाला बयान देकर कांग्रेस की किरकिरी कराई थी. अय्यर के हर बयान से खुद को अलग कर लेने वाली पार्टी भला अय्यर से अब कैसे दूरी बनाएगी. तय है कि, भविष्य में कांग्रेस के मीडिया विभाग के लिए मामला उलझन भरा है. अय्यर सामान्य बोले तो ठीक, लेकिन अपने अंदाज में कुछ बोल बैठे तो सियासी तमाशा तय है.

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