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जानिए आयरन लेडी इरोम शर्मिला चानू के बारे में

अफस्फा और सेना के अत्याचारों के खिलाफ पिछले 16 सालों से भूख हड़ताल पर बैंठीं इरोम शर्मिला ने भूख हड़ताल खत्म कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जानिए अपने अधिकार और आजादी के लिए भूख हड़ताल पर बैठी मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला के बारे में:

इरोम चानू शर्मिला इरोम चानू शर्मिला

अफस्फा और सेना के अत्याचारों के खिलाफ पिछले 16 सालों से भूख हड़ताल पर बैंठीं इरोम शर्मिला ने भूख हड़ताल खत्म कर चुनाव लड़ने का फैसला किया है. जानिए अपने अधिकार और आजादी के लिए भूख हड़ताल पर बैठी मानवाधिकार कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला के बारे में:

'मैं जिंदगी से प्‍यार करती हूं. मैं अपनी जिंदगी खत्‍म करना नहीं चाहती हूं लेकिन मुझे न्‍याय और शांति चाहिए.' - इरोम

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1. आयरन लेडी इरोम का जन्‍म 14 मार्च 1972 में हुआ था.

2. इरोम मणिपुर से आर्म्‍ड फोर्स स्‍पेशल पावर एक्‍ट 1958, जिसे सशस्‍त्र बल विशेषाधिकार कानून को हटाए जाने की मांग पर  2 नवंबर 2000 से आजतक वो भूख हड़ताल पर हैं. इस भूख हड़ताल के तीसरे दिन सरकार ने इरोम शर्मिला को गिरफ्तार कर लिया. उन्‍होंने जब भूख हड़ताल की शुरुआत की थी, वे 28 साल की युवा थीं. कुछ लोगों को लगा था कि यह कदम एक युवा ने भावुकता में उठाया है. लेकिन समय के साथ इरोम शर्मिला के इस संघर्ष की सच्चाई लोगों के सामने आती गई. आज वह 44 साल की हो चुकी हैं.

3. उन्होंने असम राइफल के जवानों की मुठभेड़ में 10 नागरिकों को मार दिए जाने के खिलाफ यह शुरू किया था. इसके बाद से उन्हें नाक में नली लगाकर ही भोजन दिया जा रहा है.

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4. उनके नाम पर अबतक दो रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं. पहला सबसे लंबी भूख हड़ताल करने और दूसरा सबसे ज्‍यादा बार जेल से रिहा होने का रिकॉर्ड दर्ज है.

5. 2014 में अंतरराष्‍ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन्‍हें एमएसएन ने वूमन आइकन ऑफ इंडिया का खिताब दिया था.

6. इरोम शर्मिला ने 1000 शब्दों में एक लंबी ‘बर्थ’ शीर्षक से एक कविता लिखी थी. यह कविता ‘आइरन इरोम टू जर्नी- व्हेयर द एबनार्मल इज नार्मल’ नामक एक किताब में छपी थी. इस कविता में उन्‍होंने अपने लंबे संघर्ष के बारे में बताया है.

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