Advertisement

मणिपुर में बच गया बीजेपी का किला, हिमंता शर्मा फिर बने पार्टी के हीरो

मणिपुर में राजनीतिक संकट उस समय गहराया जब 17 जून को 9 विधायकों ने बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसमें बीजेपी के 3 विधायक भी शामिल थे जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद से ही सरकार पर संकट मंडरा रहा था.

हिमंता बिस्वा पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी के सबसे बड़े संकटमोचक (फाइल-पीटीआई) हिमंता बिस्वा पूर्वोत्तर भारत में बीजेपी के सबसे बड़े संकटमोचक (फाइल-पीटीआई)
मनोज्ञा लोइवाल
  • कोलकाता,
  • 25 जून 2020,
  • अपडेटेड 1:24 AM IST

  • 9 विधायकों के इस्तीफे से संकट में आ गई थी सरकार
  • 4 वोटों के अंतर से बीजेपी ने जीता राज्यसभा चुनाव
  • कांग्रेस की सरकार बनाने की कोशिश फिर से नाकाम
कोरोना संकट के बीच मणिपुर में भारतीय जनता पार्टी सरकार के अस्तित्व पर जो संकट आ गया था जो अब टल गया है. इन सबके पीछे अहम भूमिका रही पूर्वोत्तर क्षेत्र में बीजेपी के सबसे बड़े संकटमोचक कहे जाने वाले असम के वित्त और स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा की, जिनके कुशल प्रबंधन ने मणिपुर में सरकार गिरने से बचा लिया.

बीजेपी के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार में जारी राजनीतिक संकट को रोकने के लिए, नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक एलायंस (NEDA) के संयोजक हिमंता बिस्वा शर्मा ने नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) के 4 विधायकों के साथ दिल्ली की ओर रुख किया था, जिन्होंने हाल ही में एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली मणिपुर सरकार से समर्थन वापस ले लिया और राज्य सरकार संकट में घिर गई थी.

Advertisement

पूर्वोत्तर की राजनीति के चाणक्य

हिमंता बिस्वा शर्मा जिन्हें पूर्वोत्तर की राजनीति में चाणक्य के रूप में जाना जाता है, ने मंगलवार को एनपीपी प्रमुख और मेघालय के मुख्यमंत्री कनराड संगमा के साथ इंफाल का दौरा किया था और बाकी इतिहास है. कांग्रेस एक बार फिर सरकार बनाने से चूक गई.

इसे भी पढ़ें --- मणिपुर में बीजेपी सरकार पर संकट टला, NPP के बागी विधायक हुए राजी

पूर्वोत्तर बीजेपी के इस संकटमोचक ने मेघालय के मुख्यमंत्री कनराड संगमा के साथ मंगलवार को इंफाल में चार एनपीपी विधायकों के साथ मुलाकात की और कुछ घंटों तक चर्चा की.

बाद में, हिमंता-कोनराड संगमा और एनपीपी के चार विधायकों ने इंफाल छोड़ दिया और पहले गुवाहाटी फिर दिल्ली के लिए रवाना हो गए. दिल्ली में राजनीतिक संकट को हल करने के लिए इन्होंने आज बुधवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की.

Advertisement

इबोबी सिंह पर दबाव

लेकिन यही सब कुछ नहीं था. इस बीच कांग्रेस नेता और मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री ओ इबोबी सिंह पर सीबीआई ने नकेल कसना शुरू कर दिया. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता इबोबी सिंह को समन भेज दिया.

सीबीआई ने यह समन 332 करोड़ रुपये के सरकारी धन के दुरुपयोग करने के मामले पूछताछ करने के लिए भेजा और पूछताछ के लिए एक टीम भी रवाना कर दी.

मणिपुर में राजनीतिक संकट उस समय गहराया जब 17 जून को 9 विधायकों ने बीजेपी के नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया, जिसमें बीजेपी के 3 विधायक भी शामिल थे जिन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था.

एनपीपी के 4 विधायकों और बीजेपी के 3 विधायकों के अलावा टीएमसी के 1 और 1 निर्दलीय विधायकों ने भी एन बीरेन सिंह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था. एनपीपी विधायकों की प्रमुख मांगों में से एक मांग मणिपुर में नेतृत्व बदलना था.

राज्यसभा चुनाव में बीजेपी की जीत

60 सदस्यीय मणिपुर विधानसभा में, 52 विधायकों ने हाल ही में राज्यसभा चुनाव में अपना वोट डाला, जबकि मणिपुर विधानसभा स्पीकर ने 4 कांग्रेस विधायकों को वोट की अनुमति देने से इनकार कर दिया.

Advertisement

इसे भी पढ़ें --- मणिपुर में मुश्किल में भाजपा, राज्यसभा चुनाव में जीत से क्या अब बच जाएगी सरकार?

इस बीच प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार ने अपना बहुमत खो दिया था, हालांकि बीजेपी ने दावा किया कि राज्यसभा चुनाव में अपने उम्मीदवार की जीत के साथ इस मुद्दे को सुलझा लिया गया है.

कांग्रेस के पर्यवेक्षक अजय माकन और गौरव गोगोई, मेघालय के मुख्यमंत्री और नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के अध्यक्ष कनराड संगमा, असम के मंत्री और नॉर्थ ईस्ट डेमोक्रेटिक अलायंस के संयोजक हिमंता बिस्वा कर्मा ने रविवार को इंफाल में अपने-अपने विधायकों के साथ बैठक की.

इसे भी पढ़ें --- मणिपुर के NPP विधायकों को मनाने में जुटी बीजेपी, दिल्ली लेकर आए सरमा

हाई वोल्टेज ड्रामा के बाद कांग्रेस ने मणिपुर हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और सरकार बनाने के लिए राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला से मुलाकात भी की, इस बीच बीजेपी प्रत्याशी और मणिपुर के टिटुसक महाराजा संजाओबा लिसेमहे ने कांग्रेस के उम्मीदवार, टोंगब्रम मंगिबू सिंह को महज 4 वोटों के अंतर से हराते हुए राज्यसभा चुनाव जीत लिया.

जम्मू-कश्मीर के साथ पूर्वोत्तर के बीजेपी प्रभारी राम माधव ने दावा किया कि यह पार्टी के लिए एक बड़ी जीत है क्योंकि राज्य में राजनीतिक संकट के बीच राज्यसभा के लिए बीजेपी ने जीत हासिल की है.

Advertisement

अब नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने बीरेन सिंह सरकार को समर्थन देने का वादा किया है. हिमंता बिस्वा शर्मा ने मुलाकात के बाद ट्वीट कर जानकारी दी कि नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) का प्रतिनिधिमंडल आज गृह मंत्री अमित शाह से मिला और बीजेपी तथा नेशनल पीपुल्स पार्टी दोनों ही दल मिलकर राज्य के विकास के लिए मिलकर साथ काम करने को राजी हो गए हैं.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement