
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में कथित फर्जी एनकाउंटर्स की जांच के लिए दाखिल याचिका की सुनवाई के दौरान सीबीआई के कामकाज के तौर तरीकों पर गहरी नाराजगी जताई, और भारतीय मानवाधिकार आयोग के 3 सदस्यों को जांच टीम में शामिल करने का आदेश दिया.
सीबीआई की SIT टीम ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्होंने मणिपुर में कथित फर्जी मुठभेड़ में 42 मामले दर्ज किए है. इनमें से करीब 17 मामलों में दर्ज एफआईआर सवालों के घेरे में है. जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की SIT की जांच की प्रगति रिपोर्ट पर गहरा असंतोष जताया.
जांच में मानवाधिकार आयोग भी शामिल हो
सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) को निर्देश दिया कि वह अपने तीन सदस्यों को SIT टीम के पास भेजे जो 17 कथित फर्जी एनकाउंटर्स की जांच में साथ काम करेंगे. साथ ही देश की शीर्ष अदालत ने सीबीआई को इस बात पर भी फटकार लगाई कि इन मामलों में जांच ढंग से नहीं चल रही है.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सवालों के घेरे में मुठभेड़ों के आने की एक वजह ये भी है कि कई मामलों में उन पीड़ितों के खिलाफ भी FIR दर्ज कर ली गई है जिनकी एनकाउंटर में मौत हुई थी.
12 मार्च को अगली सुनवाई
सीबीआई से सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि जो एफआईआर दर्ज की गई उनसे तो यही लगता है कि ये पीड़ितों के ही खिलाफ है. कोर्ट ने फटकार लगाने के बाद कहा कि हम चाहते हैं कि जांच तेजी से हो और कार्रवाई भी फटाफट की जाए.
कोर्ट की फटकार के बाद सीबीआई ने भरोसा जताया कि वो इस दिशा में काम कर रही है और जल्द ही आरोपी उसकी पकड़ में होंगे. कोर्ट ने कहा कि आपकी दलीलें संतोषजनक नहीं है. आप काउंटर एफआईआर भी दर्ज करें.
इस पर सीबीआई ने कहा कि बिना शिकायतकर्ता के कैसे काउंटर एफआईआर दर्ज होगी. इस पर कोर्ट ने कहा, "हम हैं ना शिकायतकर्ता. हम चाहते हैं कि सीबीआई सच की तह तक पहुंचे. इसलिए आपको जांच सौंपी गई है".