
गया की एमएलसी मनोरमा देवी के घर से डेढ़ करोड़ से अधिक की सम्पति हुई चोरी की घटना को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी ने बिहार पुलिस की कार्यशैली और विश्वनीयता पर सवाल उठाते हुए किसी अलग एजेंसी से पूरे मामले की जाँच करने की मांग की है. मांझी ने कोठी थाना प्रभारी की हत्या सहित हाल के दिनों में हुई कई अपराधिक घटनाओ के लिए बिहार के पुलिस तंत्र के कार्य शैली और विश्वनीयता पर कड़ा प्रहार किया है. उन्होंने बिहार के डीजीपी और गया के एसएसपी को बिहार में बिगड़ती विधि व्यवस्था के लिए जिम्मेवार ठहराया है.
मांझी ने कहा कि जब पुलिस और प्रशासन के सामने शराब मामले में एमएलसी मनोरमा देवी का घर सील किया गया था और जब हाई कोर्ट के आदेश पर घर का सील खुला तो पुरे घर का सील टुटा मिला, इसका मतलब यही न हुआ कि पुलिस ने ही मनोरमा देवी का घर लुटवाया. इससे साबित यही होता है कि बिहार का पुलिस तंत्र पूरी तरह फेल है. पुलिस एक घर को सुरक्षित नहीं रख सकती है तो तो बिहार की जनता को कैसे सुरक्षित रखेगी.
मांझी ने कहा कि बिहार की पुलिस पर अब भरोसा नहीं है. इस काण्ड की जांच बिहार की पुलिस के बजाय किसी बाहरी एजेंसी से करवाने की मांग बिहार सरकार से की है. बिहार के गया में जब शराब का कांड में एमएलसी मनोरमा देवी का सील घर पांच महीने बाद पटना हाई कोर्ट के आदेश पर खुला तो पुलिस के पैर के नीचे से जमीन ही खिसक गयी।मकान का सील जिन आधा दर्जन अधिकारियों के सामने किया गया था, सभी आज गंभीर सवाल के घेरे में आ गए हैं. एमएलसी मनोरमा देवी का पूरा घर लूट चूका था. मनोरमा देवी ने अधिकारियों पर गहने जेवरात और हथियार सहित लगभग डेढ़ करोड़ मूल्य के सामन गायब करने में संलिप्ता जाहिर की है.
गया के जेडीयू की निष्कासित एमएलसी मनोरमा देवी ने अधिकारियों पर डेढ़ करोड़ से अधिक की संपत्ति चोरी कराने का आरोप लगाया है. उन्होंने रामपुर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. मनोरमा देवी ने कहा कि अधिकारियों की मिलीभगत से हमारे घर से मेरा व मेरे पति बिंदेश्वरी प्रसाद यादव के सोने के गहने, चांदी के बर्तन व सिक्के तथा दैनिक प्रयोग के बर्तन करीब 15 लाख रुपये के हैं, जो कि गायब हैं. इसके अलावा गायब सामानों में एक दो नाली बंदूक, एक राइफल तथा एक रिवॉल्वर भी गायब है. इन हथियारों का लाइसेंस मनोरमा देवी के नाम से है.
मनोरमा देवी ने प्राथमिकी में यह भी कहा है कि मकान सील करते वक्त रामपुर थानाध्यक्ष उक्त हथियारों के लाइसेंस व कारतूस लेते गये थे, लेकिन हथियार घर पर छोड़ दिया था. इसके अलावा उन्होंने घर से लाखों रुपये के कपड़ों के भी चोरी होने की बात पुलिस से कही है.
निष्कासित विधान पार्षद मनोरमा देवी ने कहा है कि उत्पाद अधिनियम के तहत जब उनका मकान सील किया जा रहा था, तो उस वक्त सिटी डीएसपी आलोक कुमार सिंह, नगर प्रखंड के बीडीओ, कोतवाली थानाध्यक्ष निहार भूषण, विष्णुपद थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, रामपुर थानाध्यक्ष गौरीशंकर गुप्ता के अलावा उत्पाद निरीक्षक प्रदीप कुमार उपस्थित थे. इन्हीं लोगों को घर में रखे सामानों के बारे में विस्तृत जानकारी थी. ऐसे में घर में चोरी कराने में इनकी मिलीभगत का उन्हें विश्वास है.