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चीन पर मनमोहन का बयान- पीएम मोदी से अपील भी, नसीहत भी, चेतावनी भी

हर दिन कांग्रेस की तरफ से सरकार पर नए सवाल दागे जा रहे हैं. राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं की पूरी फौज मोदी सरकार से जवाब मांग रही है. अब इस फेहरिस्त में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का नाम भी जुड़ गया है. मनमोहन सिंह ने लिखित बयान के जरिए पीएम मोदी को न सिर्फ नसीहत दी है बल्कि चेतावनी देते हुए एक्शन की अपील भी की है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पूर्व पीएम मनमोहन सिंह (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 22 जून 2020,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

  • चीन पर मनमोहन सिंह का बयान
  • मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को घेरा
  • नसीहद के साथ एक्शन की भी अपील

कांग्रेस चीन विवाद पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरने की हर मुमकिन कोशिश कर रही है. हर दिन सरकार पर नए सवाल दागे जा रहे हैं. राहुल गांधी समेत कांग्रेस नेताओं की पूरी फौज मोदी सरकार से जवाब मांग रही है. अब इस फेहरिस्त में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का नाम भी जुड़ गया है. मनमोहन सिंह ने लिखित बयान के जरिए पीएम मोदी को न सिर्फ नसीहत दी है बल्कि चेतावनी देते हुए एक्शन की अपील भी की है.

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मनमोहन सिंह की नसीहत

मनमोहन सिंह ने अपने बयान में कहा, 'आज हम इतिहास के एक नाजुक मोड़ पर खड़े हैं. हमारी सरकार के निर्णय व सरकार द्वारा उठाए गए कदम तय करेंगे कि भविष्य की पीढ़ियां हमारा आकलन कैसे करें. जो देश का नेतृत्व कर रहे हैं, उनके कंधों पर कर्तव्य का गहन दायित्व है. हमारे प्रजातंत्र में यह दायित्व देश के प्रधानमंत्री का है. प्रधानमंत्री को अपने शब्दों व ऐलानों द्वारा देश की सुरक्षा एवं सामरिक व भूभागीय हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के प्रति सदैव बेहद सावधान होना चाहिए.'

यानी मनमोहन सिंह ने पीएम मोदी को उनके कर्तव्यों के साथ-साथ पर ऐसे मसलों पर बयानों पर भी ध्यान देने की नसीहत दे डाली. बता दें कि चीन पर सर्वदलीय बैठक के बाद पीएम मोदी ने जो बयान दिया था, उस पर कई सवाल खड़े हुए थे. यहां तक कि प्रधानमंत्री कार्यालय को सफाई भी देनी पड़ी थी.

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मनमोहन सिंह की चेतावनी

नसीहत के साथ ही मनमोहन सिंह ने ये कहते हुए चेतावनी भी दे दी कि झूठ के आडंबर से सच्चाई को छुपाया नहीं जा सकता है. उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री को अपने बयान से उनके षडयंत्रकारी रुख को बल नहीं देना चाहिए तथा यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकार के सभी अंग इस खतरे का सामना करने व स्थिति को और ज्यादा गंभीर होने से रोकने के लिए परस्पर सहमति से काम करें.

यही समय है जब पूरे राष्ट्र को एकजुट होना है तथा संगठित होकर इस दुस्साहस का जवाब देना है.'

मनमोहन सिंह ने आगे कहा कि भ्रामक प्रचार कभी भी कूटनीति तथा मजबूत नेतृत्व का विकल्प नहीं हो सकता. पिछलग्गू सहयोगियों द्वारा प्रचारित झूठ के आडंबर से सच्चाई को नहीं दबाया जा सकता.

मनमोहन सिंह की अपील

पीएम मोदी को उनके बयानों और झूठ के आडंबरों का हवाला देकर निशाना बनाने के साथ ही मनमोहन सिंह ने सरकार से जवानों की कुर्बानी का बदला लेने की अपील भी कर डाली. मनमोहन सिंह ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री व केंद्र सरकार से आग्रह करते हैं कि वो वक्त की चुनौतियों का सामना करें, और कर्नल बी. संतोष बाबू व हमारे सैनिकों की कुर्बानी की कसौटी पर खरा उतरें, जिन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा व भूभागीय अखंडता के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी.

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बयान के अंत में मनमोहन सिंह ने ये भी कह दिया कि इससे कुछ कम किया जाता है तो वो जनादेश से ऐतिहासिक विश्वासघात होगा.

गौरतलब है कि 15 जून की शाम लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के हमले में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं. लद्दाख में ये विवाद मई महीने से चला आ रहा है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी तब से ही चीन पर सरकार से सफाई मांग रहे हैं. राहुल के सवालों पर सरकार और सेना की तरफ से जवाब दिए गए कि सीमा पर सब कट्रोल में है. लेकिन 15 जून को चीन ने अपना दुस्साहस दिखाया तो राहुल गांधी ने जवानों की शहादत पर सीधे पीएम मोदी को घेरना शुरू कर दिया. राहुल लगातार आरोप लगा रहे हैं कि चीन के सामने पीएम मोदी ने भारतीय जमीन को छोड़ दिया है.

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