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5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में कहा कि इस वर्ष यूएन ने विश्व पर्यावरण दिवस की थीम 'Connecting people to nature' रखा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि मेरी दृष्टि में नेचर से
जुड़ने का मतलब है खुद से जुड़ना, अपने आप से
कनेक्ट होना, better planet को
nurture करना.
मोदी के प्रधानमंत्री बनने से मुसलमानों को कोई दिक्कत नहीं : वस्तानवी
महात्मा गांधी जी ने कहा था कि one
must care about a world
one not see यानी हम जो दुनिया नहीं
देखे हैं हम उसकी भी चिंता करें. जिन पंच तत्वों से
हमारा शरीर बना हुआ है उसके संपर्क में आते ही
हमारे शरीर में चेतना आती है. यही वजह है कि
थकने के बाद पानी से मुंह धोते ही ताजगी महसूस
होती है. ताजी हवा के संपर्क में आते ही चेतना
महसूस होता है.
'मेहनत से मिलती है सफलता, बोर्ड के नंबर से कुछ नहीं होता'
प्रधानमंत्री ने कहा कि वेदों में पृथ्वी और पर्यावरण को मूल माना गया है. अर्थर्वेद तो पर्यावरण का सबसे बड़ा दिशा निदेर्शक ग्रंथ है. वेदों में कहा है कि हम में जो प्यूरिटी है वह पृथ्वी के कारण है.
महात्मा बुद्ध का जन्म, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति
पेड़ के नीचे ही हुई. देश में कई ऐसे त्योहार है,
जिसमें पेड की पूजा की जाती है. इसलिए जरूरी है
कि हम पर्यावरण से खुद को जोड़ें.
टीचर की सीख ने दिखाई सफलता की राह
इस साल जब बारिश हो वृक्षारोपण करें. इससे हम अपने मूल से जुड़े रहेंगे.