
बीते वर्ष हरियाणा में हुए गीता जयंती महोत्सव ने काफी सुर्खियां बटोरी थीं. एक बार फिर अब ये महोत्सव चर्चा का विषय बना है. एक आरटीआई के जरिए खुलासा हुआ है कि हरियाणा सरकार ने गीता की 10 कॉपियां खरीदने पर लगभग 3.8 लाख रुपये का खर्चा किया है. यानी एक भगवत गीता की किताब को खरीदने पर कुल 38,000 रुपये खर्च किए गए. खुलासे के बाद एक बार फिर खट्टर सरकार सवालों के घेरे में है.
आपको बता दें कि बीते वर्ष हुए इस महोत्सव में हरियाणा सरकार ने 15 करोड़ रुपये खर्च थे. ये महोत्सव 25 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच मनाया गया था. इस खुलासे पर हरियाणा INLD के नेता दुष्यंत चौटाला ने भी सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि गीता की कॉपियां काफी सस्ते दाम पर ऑनलाइन और ऑफलाइन उपलब्ध हैं. सरकार को ये समझाना चाहिए कि उन्होंने इतना रुपया किसलिए खर्च किया.
आरटीआई में खुलासा हुआ है कि इस महोत्सव में परफॉर्म करने के लिए बीजेपी सांसदों को भी पेमेंट की गई थी. हेमा मालिनी को 20 लाख और मनोज तिवारी को 10 लाख रुपये दिए गए थे.
चौटाला ने आरोप लगाया कि पीएम मोदी कहते हैं कि उनकी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस रखती है. लेकिन उनके सांसदों को एक धार्मिक कार्यक्रमों के लिए भी इतना पैसा दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि चौटाला और हुड्डा सरकार ने इस महोत्सव को मात्र कुछ लाख रुपये में आयोजित किया था, लेकिन खट्टर सरकार ने इसपर करोड़ों खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि हम इस मामले में कैग से जांच के लिए अपील करेंगे.
आरटीआई के मुताबिक, एक करोड़ रुपये ब्रह्म सरोवर की मरम्मत में खर्च किए गए, हालांकि 2016 में ही 38 लाख रुपये इसी काम के लिए पहले ही खर्च हो चुके थे. चौटाला ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपने चाहने वालों को ही अवॉर्ड दिया है.
हालांकि, इस मामले में राज्य सरकार में मंत्री अनिल विज ने कहा कि गीता महोत्सव काफी शानदार कार्यक्रम था. अगर इस मामले में कोई गड़बड़ी दिखाई पड़ती है तो हम जांच करेंगे और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी करेंगे.